ई शिक्षा नीति से होगा छात्रों का सर्वांगीण विकास : शिक्षा मंत्री....
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 एक वृहद और व्यापक दस्तावेज है, जिसका निर्माण देश के लाखों बुद्धिजीवियों, शिक्षाविदों व शिक्षार्थियों के सुझावों व परिचर्चा के उपरांत कुमार स्वामी कस्तूरी नंदन की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा तैयार किया गया है। यह नीति बच्चे का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करेगी। यह बात शिक्षा व कलाए भाषा एवं संस्कृति मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने मंगलवार को शूलिनी विश्वविद्यालय सोलन द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आयोजित एक दिवसीय वेबिनार की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने इस अवसर पर शूलिनी साइंस वेब सीरीज का भी शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि वेबसीरीज प्रदेश के विद्यार्थियों में विज्ञान के प्रति रुचि और ज्ञान बढ़ाने में मददगार साबित होगी।
गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में समय-समय पर शिक्षा नीति में आंशिक परिवर्तन किए गए हैं। वर्ष 1968, 1986, 1992, 2009 के दौरान कुछ बदलाव शिक्षा क्षेत्र में लाए गए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 बिल्कुल भिन्न है जो वर्ष 2030 तक दुनिया में सबसे बेहतर शिक्षा बच्चों को प्रदान करने का मार्ग प्रशस्त करेगी।
उन्होंने कहा कि 12वीं कक्षा तक 100 फीसदी नामांकन करने की कोशिश की जाएगी, ताकि उच्चतर शिक्षा कम से कम 50 प्रतिशत बच्चे अवश्य प्राप्त करें। इसके लिए अभी से प्रयास तेज कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन की शिक्षकों पर बड़ी जिम्मेदारी है। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सिकंदर कुमार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर महत्त्वपूर्ण जानकारी दी। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति डा. प्रो. पीके खोसला ने स्वागत किया। प्रो. कुलदीप अग्निहोत्री ने भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मुख्य बिंदुओं पर चर्चा की।