एक साल तक बिजली की दरें नहीं घटाएगी सरकार : सुखराम चौधरी
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 18-09-2020
ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने कहा कि कोरोना काल के बीच बिजली दरों की हुई बढ़ोतरी एक साल तक लागू होगी। राज्य सरकार एक साल बाद इसकी समीक्षा कर मामले पर पुनर्विचार करेगी। उन्होंने कहा कि बिलासपुर जिलों में बिजली उपभोक्ताओं पर लगाए गए सनड्राइ शुल्क के मामले को अधिकारी देखेंगे। किसी भी तरह की त्रुटि होने पर इसे सुधारा जाएगा।
सिरमौर जिला की बिजली की समस्याओं का समाधान इसी कार्यकाल में होगा। सरकार हिमाचल को ऊर्जा राज्य बनाने के मकसद से वर्तमान ऊर्जा नीति में बदलाव करेगी। गुरुवार को प्रदेश विधान सभा में नियम 130 के तहत बिजली की दरों को बढ़ाने के मुद्दे पर हुई चर्चा का उत्तर देते हुए ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने कहा कि प्रदेश में 125 यूनिट तक बिजली की खपत करने वाले उपभोक्ताओं की बिजली की दरों में बढ़ोतरी नहीं की गई है।
करीब 11 लाख उपभोक्ता इस श्रेणी में आते हैं। प्रतिमाह 126 से 200 यूनिट बिजली की खपत करने वाले उपभोक्ताओं की बिजली की दरों में 30 पैसे प्रति यूनिट बढ़ोतरी की गई है।126 से 300 यूनिट बिजली की खपत करने वाले उपभोक्ताओं की बिजली की दरों में एक रुपए प्रति यूनिट का इजाफा किया गया है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासन में प्रति यूनिट बिजली की खपत में 30 से एक रुपए प्रति यूनिट तक की बढ़ोतरी की गई थी। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि जयराम सरकार किसानों को प्रति यूनिट 50 पैसे की दर से बिजली दे रही है।
पूर्व कांग्रेस सरकार के वक्त यद दर एक रुपए थी। साथ ही प्रदेश के होटल व्यवसासियों को बिजली के डिमांड शुल्क को माफ कर सरकार ने 12 करोड़ की राहत दी है। उन्होंने कहा कि हिमाचल बिजली बोर्ड में कर्मचारियों की संख्या अन्य राज्यों के मुकाबले अधिक है। नतीजतन प्रति कर्मचारी एक यूनिट बिजली पर 2.09 रुपए खर्च होता है।
बिजली दरों की बढ़ोतरी का मामला कांग्रेस के विधायक हर्षवर्द्धन चौहान ने सदन में उठाया। उन्होंने नियम-130 के तहत यह प्रस्ताव चर्चा के लिए रखा। हर्षवर्द्धन चौहान ने कहा कि कोरोना संकट में पहले से ही आर्थिक संकट से जूझ रही जनता पर सरकार ने बिजली दर बढ़ोतरी का चाबुक चला दिया।
इससे आम जनता की कमर टूट गई। हषवर्द्धन ने कहा कि होटल इंडस्ट्री और कारोबारियों को कोरोना में खासा नुकसान हुआ है। मामले पर कांग्रेस विधायक रामलाल ठाकुर ने भी सरकार को आड़े हाथ लिया।