यंगवार्ता न्यूज़ - काँगड़ा 18-11-2022
आर्जीमोन प्वाइजनिंग से खुंडियां क्षेत्र में एक व्यक्ति की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि व्यक्ति की मौत 25 अक्टूबर को हुई थी, लेकिन प्रशासनिक तौर पर इसकी पुष्टि 18 नवंबर को जिलाधीश कांगड़ा ने की है। आर्जीमोन प्वाइजनिंग से विजय कुमार (59) निवासी लाहडु तहसील खुंडियां जिला कांगड़ा की मौत हुई है। विजय की पत्नी प्रकाशो देवी, बेटे और बहू की तबीयत भी खराब है।
वे अस्पताल में भर्ती हैं। आर्जीमोन प्वाइजनिंग का कारण एक दुकान से खरीदी खुली सरसों और उससे निकलवाए तेल का प्रयोग करना बताया जा रहा है। दूसरी ओर डीसी कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने लोगों से खुली सरसों तथा उससे निकलवाए तेल का उपयोग करने से परहेज करने की अपील की है। उन्होंने आग्रह किया कि संबंधित क्षेत्र में पिछले दिनों जिस किसी ने भी खुले बाजार से सरसों खरीदी है, वे उसका या उससे निकलवाए तेल का उपयोग न करें। उपायुक्त ने बताया कि यह खुली सरसों खुंडियां बाजार से खरीदी गई थी।
पड़ताल के बाद पता चला है कि इस सरसों के बीज का थोक विक्रेता परागपुर में है। संभव है कि इस बीज का विक्रय अन्य क्षेत्रों में भी हुआ होगा। खुंडियां क्षेत्र के प्रभावित परिवार ने खुले बाजार से सरसों खरीद कर उसका तेल निकलवाया था। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक तेल में आर्जीमोन सीड मिला होने से व्यक्ति का स्वास्थ्य बिगड़ा और उसकी मृत्यु हो गई। डीसी ने बताया कि सरसों में मिले विषैले आर्जीमोन सीड के निकले तेल के सेवन से ड्रॉप्सी नामक बीमारी होती है। शरीर में विशेषकर पैरों, एड़ियों और टांगों में सूजन आना इसके लक्षण हैं।
संबंधित क्षेत्रों में यदि किसी व्यक्ति में ऐसे लक्षण दिख रहे हैं तो वह तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर उपचार करवाएं। इसका वैज्ञानिक नाम आर्जीमोन मेक्सिकाना है। यह पौधा सर्दियों में फूल देता है। कटीले पौधे की पत्तियां चौड़ी होती हैं। पीले फूल निकलते हैं, इसके बाद सरसों की फली की तरह ही छोटी गोल फली निकलती है। इसमें सरसों के दाने की तरह काले बीज होते हैं। इसके बीज सरसों के दानों के साथ मिलाकर बेच दिए जाते हैं। इनकी पहचान करना मुश्किल होता है। इन बीजों से हल्के पीले रंग का गैर खाद्य तेल निकलता है। इसमें जहरीला रसायन होता है।