पूर्व बागवानी निदेशक के खिलाफ शक्तियों के दुरुपयोग के आरोप में जांच
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 28-07-2020
हिमाचल के बागवानी सचिव ने विभाग के पूर्व निदेशक के तीन माह के एक्टेंसशन काल में लिए फैसलों की जांच की शुरू कर दी है। निदेशक पद पर रहते हुए शक्तियों के दुरुपयोग के आरोप इन पर लगे हैं।
गत 31 मार्च को निदेशक रिटायर हुआ और कोविड-19 के कारण तीन माह एक्सटेंशन दिया गया। इस दौरान सेवा नियमों का उल्लंघन करते हुए कई प्रशासनिक और वित्तीय फैसले भी लिए गए।
यही नहीं, बागवानी विभाग के पूर्व निदेशक के खिलाफ लगे आरोपों की जांच का मामला विजिलेंस विभाग की रडार में भी आ गया है। विजिलेंस ने बागवानी सचिव से इस संबंध में मामला दर्ज करने की अनुमति मांगी है।
बागवानी सचिव ने बागवानी विभाग के पूर्व निदेशक के सेवा विस्तार के तीन माह के दौरान लिए फैसलों को पुन: समीक्षा करने के निर्देश विभाग के मौजूदा निदेशक को दे दिए हैं।
रिपोर्ट के आधार पर फिर संबंधित मामले में अगली कार्रवाई की जाएगी। सेवा विस्तार के दौरान वित्तीय फैसले नहीं लिए जा सकते थे। सेवा विस्तार के समय एकीकृत बागवानी विकास योजना में लाखों का उपदान देने का आरोप है।
14 करोड़ के उपदान केंद्र सरकार के खाते में जाना था लेकिन इस मामले को दबाकर रखा। अधिक वेतन आहरण किया गया। कई टेंड खोले गए जबकि यह नहीं कर सकते थे।
उक्त अधिकारी की तैनाती सिर्फ कोविड-19 के लिए व्यवस्था की थी लेकिन प्रशासनिक और वित्तीय फैसले लिए गए। कई कर्मचारियों और अफसरों के तबादले तक किए।