बिना बजट में जयराम सरकार ने खोले रिकॉर्ड तोड़ शिक्षण संस्थान : रोहित ठाकुर 

सुक्खू सरकार ने सत्ता में आते ही एक अप्रैल 2022 के बाद पूर्व जयराम सरकार के कार्यकाल में खोले गए 300 से अधिक स्कूलों को डिनोटिफाई किया है साथ ही अन्य विभागों के संस्थान भी डिनोटिफाइड किए गए। इन डिनोटिफाइड किए गए संस्थानों को लेकर जहां विपक्ष हमलावर है

बिना बजट में जयराम सरकार ने खोले रिकॉर्ड तोड़ शिक्षण संस्थान : रोहित ठाकुर 

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  13-02-2023
 
सुक्खू सरकार ने सत्ता में आते ही एक अप्रैल 2022 के बाद पूर्व जयराम सरकार के कार्यकाल में खोले गए 300 से अधिक स्कूलों को डिनोटिफाई किया है साथ ही अन्य विभागों के संस्थान भी डिनोटिफाइड किए गए। इन डिनोटिफाइड किए गए संस्थानों को लेकर जहां विपक्ष हमलावर है वहीं शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि गत सरकार ने रिकॉर्ड तोड़ संस्थान खोले और इन संस्थानों का कितना लाभ मिला लगभग एक आध को छोड़ पूरा मंत्रिमंडल बाहर हो गया। 
 
 
जबकि चाहिए तो यह था कि जो संस्थान हैं उन्हें सुद्रढ़ किया जाताआज जो संस्थान है उनमें रिक्त पद भरने की आवश्यकता है उन्हें मजबूत करने की आवश्यकता है। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि जो स्कूल बंद किए गए है उनकी विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है और वह लगभग तैयार है। जहां आवश्यकता होगी वहां स्कूल खोले जाएंगे।जिन दुर्गम क्षेत्रों में बच्चों को स्कूल की आवश्यकता है उन्हें खोला जाएगा। जहां अधिक स्टाफ है उस स्टाफ को कम संख्या वाले स्कूलों में शिफ्ट किया जाएगा।उन्होंने कहा कि चाहे शिक्षा का क्षेत्र हो स्वास्थ्य या कोई अन्य विभाग सभी को मजबूत करने की आवश्यकता है। 
 
 
वहीं उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग में चरणबद्ध तरीके से पद भरे जाएंगे हायर एजुकेशन में 2000 पद रिक्त हैं वही एलीमेंट्री में 10000 पदों को बैच वाइज व प्रमोशन के माध्यम से भरा जाएगा इसके लिए 1 माह का समय दिया गया है। उन्होंने कहा कि कैबिनेट में अन्य पदों की स्वीकृति लेने के लिए प्रक्रिया प्रारंभ है। 
 
 
उन्होंने कहा कि राजीव गांधी डे बोर्डिंग हो या अटल बिहारी वाजपेयी बोर्डिंग स्कूल मकसद है शिक्षा को सुदृढ़ कर बच्चों को बेहतरीन शिक्षा उपलब्ध करवाना है। सरकार का प्रयास रहेगा कि राजीव गांधी डे बोर्डिंग में सभी उत्तम सुविधाएं बच्चों को उपलब्ध करवाई जाएगी। साथ ही एनटीटी नीति को लेकर भी उन्होंने कहा कि गत सरकार की जो पालिसी है वह भी विचाराधीन है कि किस प्रकार इसे बेहतर बनाकर बच्चों के हित में बनाया जाए इसके लिए प्रयास किये जा रहे हैं।