बेमौसमी बारिश ने किसानों की उमीदों पर फेरा पानी 33.95 करोड़ की फैसले तबाह 

बेमौसमी बारिश ने किसानों की उमीदों पर फेरा पानी 33.95 करोड़ की फैसले तबाह 

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला   21-04-2020

हिमाचल प्रदेश में हुई बेमौसमी बारिश ने इस बार किसानों को बड़ा नुकसान पहुंचाया है। हैरत है कि दो हफ्ते के अंदर राज्य के अलग-अलग जिलों में नुकसान का आंकड़ा 33 करोड़ 95 लाख पहुंचा है। 

इसमें रबी की फसल सहित, वीट, जौ, ग्राम, वैजिटेबल में आलू अन्य सीजन की सब्जियां, तेल संबंधित फसल व अन्य पौधों के नुकसान का आंकड़ा है।

कृषि विभाग की ओर से जारी की गई नुकसान की रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा कांगड़ा जिला के किसानों पर नुकसान की वजह से यह मार पड़ी है। 

कई जिलों में बारिश व ओलावृष्टि ज्यादा पढ़ने की वजह से किसानों की जो फसल थी, उसका नाश हो गया। फिलहाल कृषि विभाग ने जिला वाइज लाखों में यह नुकसान आंका है।

विभाग की नुकसान रिपोर्ट के मुताबिक वीट की फसल को 1001.19 लाख का तक का नुकसान हुआ है। 

वहीं जौ की अगर बात करें, तो 0.94, ग्राम 1.80, रबी प्लस को 5.40 लाख तक का नुकसान पहुंचा है। वहीं सब्जियों के नुकसान की बात करें, तो 23 करोड़ से ज्यादा पूरा नुकसान मिलाकर हुआ है, जिसमें आलू 0.20, सब्जियों को 2365.48 लाख, वहीं अवाइल सीड्ज को 4.20 लाख का नुकसान आंका गया है। 

गौर हो कि  कृषि विभाग ने पहली से 20 अप्रैल तक के नुकसान की यह रिपोर्ट जारी की है। हालांकि विभाग की रिपोर्ट को देखें, तो जौ, ग्राम, आलू की फसल को अभी ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है,

लेकिन वीट, गेहूं व सब्जियों की वजह से जो नुकसान किसानों को दो हफ्तों में मौैसम की मार की वजह से हुआ है, उससे उभरना कहीं न कहीं निम्न वर्ग के किसानों के लिए बहुत ही मुश्किल आने वाले समय में होगा। 

विभाग की रिपोर्ट के अनुसार 40 लाख 95 हजार 60 हेक्टयेर जमीन पूरी तरह से तबाह हो गई है। कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिन किसानों को नुकसान हुआ है, उनकी भरपाई करने का पूरा प्रयास किया जाएगा। 

कृषि विभाग सरकार को नुकसान की रिपोर्ट भेजेगा। इसके बाद तय मुआवजा इन किसानों को देने की योजना है। बता दें कि इस बार मौसम की मार ऐसी रही कि किसान साफ मौसम का इंतजार करते रहे। 

पहले से ही कोरोना की वजह से संकट झेल रहे किसानों के लिए मौसम ने मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। बता दें कि राज्य में अभी गेहूं व जौ की फसल का काम चल रहा है। 

कई जिलों में गेहूं व जौ पक कर पूरी तरह से तैयार हो गए हैं, मौसम के साथ न देने की वजह से खेतों में ही फसल पकने के बाद खराब होने की कगार पर है।

आरके कौंडल, निदेशक, कृषि विभाग ने बताया कि दो हफ्ते की नुकसान रिपोर्ट के मुताबिक 33 करोड़ 95 लाख का नुकसान आंका गया है। इसमें सबसे ज्यादा सीजनली सब्जियों को ज्यादा नुकसान हुआ है। वीट की फसल को भी लाखों का नुकसान रिकार्ड किया गया है।

बिलासपुर में 14.47 लाख, चंबा 141.00 लाख, हमीरपुर 128.11 लाख, कांगड़ा 1195.22 लाख, मंडी 205.40 लाख, शिमला 79.24 लाख, सिरमौर 859.77 लाख, सोलन 186.00 लाख व ऊना जिला में 570.00 लाख का नुकसान हुआ है। 

खास बात यह है कि तीन जिलों में कोई भी नुकसान किसानों व बागबानों का रिकार्ड नहीं किया गया है। इसमें किन्नौर, कुल्लू, लाहुल-स्पीति जिला शामिल है।