बारिश-बर्फबारी से जनजीवन अस्त व्यस्त , सिरमौर गिरिपार की 14 पंचायतों के सैकड़ों गांव में ब्लैक आउट 

हिमाचल प्रदेश में बारिश-बर्फबारी का दौर जारी है। सोमवार रात को प्रदेश के अधिकतर क्षेत्रों में बादल झमाझम बरसे। आज भी राजधानी शिमला सहित अन्य भागों में मौसम खराब बना हुआ है

बारिश-बर्फबारी से जनजीवन अस्त व्यस्त , सिरमौर गिरिपार की 14 पंचायतों के सैकड़ों गांव में ब्लैक आउट 
बारिश-बर्फबारी से जनजीवन अस्त व्यस्त , सिरमौर गिरिपार की 14 पंचायतों के सैकड़ों गांव में ब्लैक आउट 

 

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  21-03-2023

 

हिमाचल प्रदेश में बारिश-बर्फबारी का दौर जारी है। सोमवार रात को प्रदेश के अधिकतर क्षेत्रों में बादल झमाझम बरसे। आज भी राजधानी शिमला सहित अन्य भागों में मौसम खराब बना हुआ है। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी हो रही है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार प्रदेश में 25 मार्च तक मौसम खराब रहने की संभावना है। इस दौरान कई भागों में बारिश-बर्फबारी होने की संभावना है। 

 

कई स्थानों पर अंधड़ चलने व ओलावृष्टि का येलो अलर्ट भी जारी हुआ है। ताजा बारिश-बर्फबारी से प्रदेश में शीतलहर बढ़ गई है। केलांग व नारकंडा का न्यूनतम तापमान माइनस में दर्ज किया गया है। शिमला में सुबह से धुंध छाई हुई है। वहीं, जलोड़ी दर्रा में ताजा बर्फबारी से औट-बंजार-सैंज हाईवे-305 यातायात के लिए बंद हो गया है। दर्रा में आधा फीट बर्फ गिरी है। इससे निगम की तीन बसें फंस गई हैं। 

 

इनमें एक निजी बस भी शामिल है। हाईवे के बंद होने से लोगों को अब आठ किलोमीटर पैदल सफर या फिर वाया करसोग व शिमला होकर सफर करना होगा। वहीं, हिमस्खलन से पांगी का संपर्क भी लाहौल व कुल्लू से कटा हुआ है। सिरमौर जिले में बारिश-बर्फबारी से हरिपुरधार क्षेत्र की 14 पंचायतों के सैकड़ों गांव में बिजली आपूर्ति ठप हो गई। जिले में बारिश से कहीं फसलों को संजीवनी मिली तो कहीं ओलावृष्टि से नुकसान हुआ है। 

 

वहीं, मार्च महीने के तीसरे सप्ताह में बारिश-बर्फबारी से तापमान में आई गिरावट से बागवानों की चिंता बढ़ गई है। तापमान लुढ़कने से सेब की फ्लावरिंग प्रक्रिया धीमी हो गई है तो वहीं अगर आने वाले दिनों में भी ऐसा ही मौसम बना रहा तो फसल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। इस समय कम ऊंचाई वाले सेब के बगीचों में पिंक बड निकलने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। 

 

अचानक तापमान में गिरावट आने से पिंक बड आने की प्रक्रिया धीमी चल रही है। हालांकि अभी फ्लावरिंग के लिए समय है लेकिन मौसम ऐसा ही बना रहता तो इससे सेब की फसल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।