राज्य सरकार ने रेस्तरां और ढाबे में 60 प्रतिशत सिटिंग के साथ खाना सर्व करने की दी मंजूरी
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 10-06-2020
राज्य सरकार ने रेस्तरां और ढाबे में बुधवार से 60 प्रतिशत सिटिंग के साथ खाना सर्व करने की मंजूरी दे दी है। अब प्रदेश में काेई भी रेस्तरां और ढाबा मालिक साेशल डिस्टेंसिंग के नियमाें काे फाॅलाे करते हुए रेस्तरां और ढाबाें में लाेगाें काे बैठा कर खाना खिला सकते हैं। पर्यटन विभाग ने हाेटल ढाबा और रेस्तरां काे खाेलने की मंगलवार काे गाइडलाइन जारी कर दी है।
इसके अनुसार प्रदेश के हाेटलाें में सिर्फ हिमाचली और बाहर से कामकाज के सिलसिले में आने वाले लाेग ही ठहर सकेंगे। काेराेना संकट के बीच प्रदेश के हाेटलाें और ढाबाें में टेकअवे की ही सुविधा थी। हाेटल, रेस्तरां और ढाबाें काे सिर्फ ऑर्डर के बाद पैक्ड खाना ही सर्व करने की छूट दी गई थी।
पर्यटन विभाग के निदेशक यूनुस ने कहा कि हाेटल, ढाबाें और रेस्तरां मालिकाें काे कुछ शर्ताें के साथ काम करने की मंजूरी दे दी गई है। आज से सभी रेस्तरां और ढाबा मालिक 60 प्रतिशत की सीटिंग कैपेसिटी के साथ खाना खिला सकते हैं।
हाेटल स्टाफ काे हर वक्त मास्क पहनना अनिवार्य हाेगा।
कमराें के अंदर कपड़ाें के धाेने पर राेक
दूसरे कमराें में रह रहे गेस्ट से किसी तरह के संपर्क पर बैन
बाहर से आने वाले किसी भी विजिटर का कमराें में प्रवेश निषेध
हाेटलाें में डिस्पाेजल प्लेटस, कम और बाेटल काे इस्तेमाल करने काे कहा।
हाेटल स्टाफ काे हैंड सेनेटाइजर से हाथ साफ करने की सलाह
हाेटलाें के पास मास्क, हैंड सेनेटाइजर और गार्बेज बैग थर्मल गन और हैंड गल्वस का हाेना अनिवार्य
हाेटल आने वाले सभी व्यक्तियाें के फाेन में आराेग्य सेतु एप हाेना जरुरी
हाेटलाें में सीसीटी कैमरा पूरी तरह से वर्किंग कंडीशन में हाे
दिन में दाे बार हाेटल काे सेनेटाइज करना जरुरी है।
हाेटल में आने वाले हर व्यक्ति की ट्रेवल हिस्टी लेना अनिवार्य
रेस्तरां के लिए अलग गाइडलाइन
दाे टेबलाें के बीच में उचित दूरी हाेना जरुरी
स्टाफ की थर्मल स्क्रीनिंग करना अनिवार्य
ग्राहक काे हाथ में सीधा खाना नहीं देना
रेस्तरां और ढाबाें काे पूरी तरह से सेनेटाइज करवाना
क्या कहना है होटल कारोबारियों का
होटल एवं रेस्टोरेंट एसोसिएशन कुल्लू के वरिष्ठ उपाध्यक्ष दीपक सोनी का कहना है कि सरकार ने भले ही रेस्टोरेंट्स खोलने के आदेश दिए हों लेकिन रेस्टोरेंट में ग्राहक ही नहीं आ रहा है तो ऐसे में रेस्टोरेंट खोलना उनके लिए किसी भी तरह से फायदेमंद नहीं है।
दिन में 400 से 500 रुपए तक की ही इनकम हो रही है जबकि रेस्टोरेंट चलाने के लिए 20 से ज्यादा स्टाफ है। ऐसे में ना तो स्टाफ की सैलरी निकल पा रही है और ना ही अन्य खर्चे।
होटल एवं रेस्टोरेंट एसोसिएशन कुल्लू के अध्यक्ष पंडित जगन्नाथ शर्मा का कहना है कि रेस्टोरेंट खोलने के आदेशों का उनके लिए कोई फायदा नहीं है, उल्टा नुकसान झेलना पड़ रहा है।
रेस्टोरेंट्स संचालक को दोहरा नुकसान हो रहा है अगर रेस्टोरेंट को बंद रखें तो भी नुकसान में अगर खोलें तब भी घाटा उठाना पड़ेगा। कुल्लू में रेस्टोरेंट का काम सीजनल ही चलता है जो अब बीत गया है। ऐसे में आने वाले समय में भी रेस्टोरेंट का काम उतना ज्यादा चलने वाला नहीं है।
रेस्टोरेंट संचालकों के लिए आने वाला समय भी बहुत चुनौतियों से भरा हुआ है। उनका कहना है कि भीड़ कम होने के कारण वह बाहरी राज्यों से लोगों के ना आने से रेस्टोरेंट में भी लोगों का आना जाना कम है जिस कारण रेस्टोरेंट संचालकों को खर्चा ज्यादा और कमाई कम हो रही है ऐसे में रेस्टोरेंट को खोलना घाटे का सौदा है।
शिवा ड्रिंक एंड डाइन रेस्टारेंट के प्रोपराइटर विनाेद शर्मा पिंकू का कहना है कि काेराेना काल में सरकार द्वारा ढाबा, रेस्टोरेंट खोलने की जाे अनुमति प्रदान करना स्वागत योग्य कदम है।
लेकिन जब तक सरकारी कार्यालयों में सुचारू रूप से कार्य और निजी व सरकारी बसों का नियमित रूप से चलना नहीं हो जाता है तब तक 20 प्रतिशत ग्राहकों को भी बैठकर खाने की अनुमति से भी हम संतुष्ट है। इसके अतिरिक्त जिनके पास बीयर बार लाइसेंस है वह अभी बंद है। इन पर भी सरकार को निर्णय लेते हुए टैक्स की छूट का प्रावधान करना चाहिए।