हिमाचल प्रदेश में वाहनों की रजिस्ट्रेशन फीस बढ़ा दी गई है। सरकार ने फैसला लेने के बाद नई दरों के निर्धारण के आदेश जारी कर दिए हैं। हिमाचल सरकार ने जारी आदेशों के साथ नई रजिस्ट्रेशन फीस लागू हो गई है। सरकार ने छह से आठ फीसदी तक दरें निर्धारित की हैं।
जारी आदेशों के अनुसार प्रदेश के भीतर खरीदे गए नए वाहन, जिसमें मोटरसाइकिल या स्कूटर की कीमत यदि एक लाख रुपए से अधिक नहीं है, तो उस पर रजिस्ट्रेशन की फीस छह फीसदी तक लगेगी। यानी कुल लागत का छह फीसदी पैसा सरकार को रजिस्ट्रेशन फीस के रूप में जमा करना होगा। यदि मोटरसाइकिल या स्कूटर की कीमत एक लाख रुपए से ज्यादा की होगी, तो उस पर सात फीसदी की दर से रजिस्ट्रेशन फीस अदा करनी होगी।
वहीं, बाहरी राज्यों से खरीदे गए मोटर साइकिल या स्कूटर की कीमत यदि एक लाख रुपए से अधिक नहीं है, तो उस पर आठ फीसदी तथा एक लाख रुपए से अधिक की लागत पर नौ फीसदी तक की राशि रजिस्ट्रेशन फीस के रूप में अदा करनी होगी। पर्सनल वाहन यानी फोर व्हीलर के लिए अब राज्य में रजिस्ट्रेशन फीस छह फीसदी तक लगेगी और राज्य के बाहर से लिए गए वाहन पर आठ फीसदी तक लगेगी।
राज्य में खरीदे गए ऐसे वाहन की कीमत यदि 15 लाख रुपए से अधिक नहीं है तो 6 फीसदी रजिस्ट्रेशन फीस लगेगी, जबकि 15 लाख रुपए से अधिक की लागत वाले वाहन पर सात फीसदी की दर सुनिश्चित की गई है।
इसी तरह से राज्य के बाहर से लिए गए फोर व्हीलर वाहन पर यदि कीमत 15 लाख से अधिक नहीं है, तो कुल लागत का 8 फीसदी रजिस्ट्रेशन फीस तथा 15 लाख से अधिक की कीमत वाले वाहनों पर कुल लागत का नौ फीसदी पैसा रजिस्ट्रेशन फीस के रूप में अदा करना होगा। खबर की पुष्टि परिवहन निदेशक अनुपम कश्यप ने की है। उन्होंने कहा कि नई रजिस्ट्रेशन फीस को लेकर आदेश जारी कर दिए गए हैं। नई दरें निर्धारित हुई हैं, जिसके अनुसार ही अब रजिस्ट्रेशन फीस वसूल की जाएगी।
प्रदेश में पहले 50 सीसी इंजन वाले मोटरसाइकिल पर तीन फीसदी, 50 सीसी से ऊपर के इंजन पर कुल लागत की चार फीसदी रजिस्ट्रेशन फीस वसूली जाती थी। वहीं, 1000 सीसी इंजन से कम वाले पर्सनल व्हीकल के लिए 2.5 फीसदी रजिस्ट्रेशन फीस लगती थी, जबकि 1000 सीसी इंजन से ज्यादा वाले वाहन पर तीन फीसदी तक रजिस्ट्रेशन फीस ली जाती थी। सरकार ने इसे दो गुणा तक बढ़ा दिया है, जिससे वाहन खरीददारों पर बोझ पड़ेगा, वहीं सरकार का खजाना भरेगा।
एक लाख रुपए से कम कीमत वाले निजी टू व्हीलर को अब देनी होगी लागत की छह फीसदी राशि, एक लाख से ज्यादा कीमत पर सात फीसदी फीस 15 लाख रुपए से अधिक कीमत वाले फोर व्हीलर पर अब छह फीसदी शुल्क कटेगा जबकि 15 लाख से अधिक पर सात फीसदी टैक्स अदा करना पड़ेगा।