यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 06-09-2022
हिमाचल कांग्रेस के नेताओं का भविष्य दिल्ली में तय हो रहा है। यह सब जानते हैं। बहुत जल्दी ही कांग्रेस अपने प्रत्याशियों की लिस्ट जारी करने वाली है। लेकिन इसमें अब एक पेंच फंस सकता है। क्योंकि इस बार टिकट में वीटो लगाने की पावर आलाकमान ने मुकेश अग्निहोत्री के हाथों में दे दी है। बाक़ी के पार्टी नेता और पदाधिकारी मुकेश अग्निहोत्री के वीटो पावर के आगे बौने साबित हो रहे हैं।
दिल्ली कांग्रेस से जुड़े नेताओं की माने तो कल की बैठक में अपेक्षा के मुताबिक लम्बी चली, ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि हिमाचल के नेताओं को मीटिंग में पहुंचे नेताओं को अपने क़द को लेकर गलतफहमियां थी। लेकिन सभी की गलत फ़हमियाँ मीटिंग के शुरुआत में ही दूर हो गयी, जब हिमाचल के बड़े कांग्रेसी नेताओं को मुकेश अग्निहोत्री की ताकत का अंदाज़ा हुआ। मुकेश ने प्रतिभा सिंह और सुक्कू के सुझाए कई नामों पर खुलकर आपत्तियां जताईं।
ऐसा अभी तक नहीं हुआ था कि मुकेश ने इस तरह से पार्टी के किसी नेता की बात काटी हो। साथ ही आलाकमान ने भी खुलकर उन्हें कोई फ्री हैंड नहीं दिया था। मगर दिल्ली में अग्निहोत्री के तेवर बदले हुए थे। एक जमाने में वीरभद्र खेमे के खासमखास रहे मुकेश यह नहीं चाहते कि टिकट होली लॉज के चहेतों को मिलें। वह चाहते हैं कि टिकट उन्हें मिले जो या तो उनके खेमे का हो या कम से कम अपनी राजनीतिक हैसियत और समझ रखता हो।
ताकि चुनाव में यदि कोई सम्भावना बने तो उनके भी हाथों में पत्ते हो, ना कि कोई होस्टाइल सिचुएशन बने जहां मुकेश अकेले और अलग-थलग पड़ जाएँ। मीटिंग में मुकेश अग्निहोत्री का टिकट की लिस्ट पर विरोध करना अहम नहीं था, यह तो अप्रत्याशित था। अहम था आलाकमान को मुकेश को अहमियत देना। उनकी बातें सुनना और उस पर अमल करना। आलाकमान की मुकेश पर यह मेहरबानी बता रही है कि हिमाचल कांग्रेस का पॉवर सेंटर हॉलीलॉज से शिफ्ट होकर कहीं और जा रहा है।
अगर ऐसा होता है तो इसी बहाने कांग्रेस को परिवारवाद की बैसाखियों पर चलने के आरोप से मुक्ति तो नहीं मिल पाएगी लेकिन दाग हल्के ज़रूर हो जाएँगे। इस बार टिकट देने में कांग्रेस जिन बातों पर विशेष ध्यान दे रही है वह है उम्र। यदि उम्र का पैमाना लादा गया तो कांग्रेस के सभी पुराने नेता सदा के लिए राजनीति में भूतपूर्व हो जाएँगे। गिने-चुने नेता ही टिकट पाने लायक बचे रह जाएँगे।
लेकिन हॉली लॉज चाहता है कि उनके चहेते नेताओं के बेटों को टिकट दिया जाए , जबकि जो हमेशा वीरभद्र सिंह से आँखे मिलाते थे उन्हे किसी तरह के नियम लगाकर किनारे लगाया जाए। जिस तरह विक्रमादित्य पार्टी में अनुशासनहीनता करते हुए सभी बड़े नेताओं को धता बता रहे हैं और प्रतिभा सिंह उनके लिए रास्ते का कांटा साफ़ कर रही है। वह बात आलाकमान को नागवार गुजर रही है।
आलाकमान का मानना है कि सीनियर नेताओं की अनदेखी और उनकी बातें काटना किसी भी लिहाज़ से अच्छी बात नहीं है। इससे एक तो समाज में गलत संदेश जाता है दूसरा नेता भी अपमानित महसूस करते हैं। इस बार के टिकट वितरण में मुकेश के चहेतों को टिकट में प्रेफरेंस मिलेगा।
क्योंकि कांग्रेस के बाकी नेताओं को भी पता है यदि पावर सिर्फ़ हॉलीलॉज में सिमट कर रह जाएगी तो उन्हें कोई फायदा नहीं होगा। जबकि पावर सेंटर मुकेश व अन्य के आस पास रहेगा तो उनकी भी कद्र होती रहेगी। इसीलिए हिमाचल के बाक़ी बड़े नेता मुकेश और अन्य के साथ जुड़ना चाहते हैं।