आँगनबाड़ी वर्कर्स एवं हेल्पर यूनियन ने सरकार पर लगाया आरोप..

उपमंडल पांवटा साहिब में आंगनबाड़ी वर्कर एवं हैल्परज़ यूनियन (संबंधित सीटू) आंगनबाड़ी कर्मियों ने सरकार के खिलाफ अपनी मांगो को लेकर प्रदर्शन किया

आँगनबाड़ी वर्कर्स एवं हेल्पर यूनियन ने सरकार पर लगाया आरोप..

अंकिता नेगी -पांवटा साहिब     11-10-2022

उपमंडल पांवटा साहिब में आंगनबाड़ी वर्कर एवं हैल्परज़ यूनियन (संबंधित सीटू) आंगनबाड़ी कर्मियों ने सरकार के खिलाफ अपनी मांगो को लेकर प्रदर्शन किया, और कहा की यदि सरकार उनकी मांगों कों नही मानती हेवतो आने वाले समय पर वह सड़कों और उतरने से गुरेज नही करेंगे।

इस दौरान दर्जनों आंगनवाड़ी वर्कर्स एवं हेल्पर यूनियन द्वारा विश्राम ग्रह पांवटा में बैठक कर सरकार के खिलाफ रोष प्रकट किया। इस दौरान वर्कर्स द्वारा  विभिन्न मांगों कों लेकर प्रदेश व केंद्र सरकार को ध्यान देने को कहा, कहा कि  केन्द्र व राज्य सरकारें लम्बे समय से आंगनबाड़ी वर्कर एवं हैल्परज़ की मांगों के प्रति अड़ियल रवैया अपनाए हुए हैं।

मीडिया से बातचीत करते हुये महासचिव बीना शर्मा ने केन्द्र सरकार व राज्य सरकार द्वारा आंगनबाड़ी वर्करज़ एवं हैल्परज़ की मांगों को पूरा न करने पर परिणाम भुगतने को कहा है।

उन्होंने सरकार से अनुरोध किया है कि सकारात्मक पहलकदमी करके इन मांगों का समाधान करें।इस दौरान उन्होंने बताया कि उनकी मुख्य मांगे  प्री प्राईमरी नियुक्तियों से आंगनबाड़ी कर्मियों को बाहर करने के प्रदेश सरकार के हाल के निर्णय को वापस लिया जाए।

केवल आंगनबाड़ी कर्मियों को ही प्री- प्राइमरी कक्षाओं के लिए नियुक्त किया जाए क्योंकि,छः वर्ष से कम उम्र के बच्चों की शिक्षा का कार्य वर्तमान में आंगनबाड़ी कर्मी ही कर रहे हैं। 

प्री प्राइमरी कक्षाओं व नई शिक्षा नीति के तहत छोटे बच्चों को पढ़ाने का जिम्मा केवल आंगनबाड़ी वर्करज को दिया जाए क्योंकि, वह काफी प्रशिक्षित कर्मी हैं। इसलिए प्री प्राइमरी में उनकी नियमित नियुक्ति की जाए तथा इसकी एवज में उनका वेतन बढ़ाया जाए।

आंगनबाड़ी केन्द्रों को प्री प्राईमरी का दर्जा दिया जाए,आंगनबाड़ी कर्मियों को माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार ग्रेच्युटी व अन्य सुविधाएं लागू की जाएं।
स्नातक की वरिष्ठता के आधार पर सुपरवाईजर पदों को तुरंत भरा जाए। पोषण ट्रैकर ऐप के तहत मिलने वाली प्रोत्साहन राशि सब कर्मियों के लिए लागू जाए।

केन्द्र सरकार द्वारा तत्काल डी.बी.टी. योजना पर रोक लगाई जाए,हि. प्र. में वेदांता कंपनी व नंद घरों के माध्यम से निजीकरण पर रोक लगाई जाए,वर्ष 2013 में हुए 45वें भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिश अनुसार आंगनबाड़ी कर्मियों को नियमित किया जाए।

हरियाणा की तर्ज पर आंगनबाड़ी वर्करज व हैल्परज को मानदेय दिया जाए,हरियाणा की तर्ज पर ही आंगनबाड़ी वर्करज एवं हैल्परज का वेतनमान उनके सेवाकाल के हिसाब से तय किया जाए।

आंगनबाड़ी कर्मियों के लिए तीन हजार रुपये पेंशन, मेडिकल व छुट्टियों की सुविधा दी जाए। इस दौरान दर्जनों आंगनवाड़ी वर्कर्स एवं हेल्पर यूनियन ने रोष प्रकट किया।