एनआईटी निदेशक बनते ही डॉ. अवस्थी ने की रजिस्ट्रार समेत दो डीन को दिखाया बाहर का रास्ता
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 17-07-2020
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआईटी) हमीरपुर में प्रो. ललित अवस्थी के कार्यकारी निदेशक का पदभार संभालते ही रजिस्ट्रार समेत दो डीन की उनके पद से छुट्टी कर दी गई। आधा दर्जन असिस्टेंट रजिस्ट्रार के विभाग भी बदले हैं।
एनआईटी में गलत तरीके से हुई भर्तियों और अनुचित वित्तीय लाभ के आरोप में केंद्रीय मंत्रालय ने गत दिवस ही निदेशक प्रो. विनोद यादव को तत्काल छुट्टी पर भेज दिया था। उनकी जगह जालंधर एनआईटी के निदेशक प्रो. अवस्थी ने वीरवार को कार्यकारी निदेशक का पद संभाला।
पदभार संभालने के एक घंटे के बाद ही लंबित बी-आर्किटेक्चर दसवें सेमेस्टर और एमटेक मैटीरियल साइंस एंड इंजीनियरिंग के चौथे सेमेस्टर का परीक्षा परिणाम भी घोषित कर दिया। प्रो. अवस्थी ने संस्थान के सभी डीन, विभिन्न विभागों के एचओडी की बैठकें लीं।
सबसे पहले रजिस्ट्रार के पद पर नई नियुक्ति की। कार्यकारी निदेशक ने प्रो. सुनील कुमार की जगह प्रो. योगेश गुप्ता को रजिस्ट्रार का पदभार सौंपा।
डीन अकादमिक के पद पर प्रो. सुशील चौहान की जगह प्रो. राजीवन चंदेल और डीन फैकल्टी वेलफेयर के पद पर प्रो. सुनील की जगह प्रो. आरके शर्मा को नियुक्त किया।
जिन असिस्टेंट रजिस्ट्रार के विभाग बदले हैं, उनमें बीआर शर्मा, विपिन कुमार, कुमार सौरभ, संजय जम्वाल, गौरव यादव और गौरव शर्मा शामिल हैं। कुछ और बदलाव हो सकते हैं।
निवर्तमान निदेशक के कार्यकाल में खरीदी गई सामग्री और विभिन्न विभागों में लिए फैसलों की भी समीक्षा शुरू हो गई है। प्रो. अवस्थी ने कहा कि एनआईटी की रैंकिंग कैसे 60 से गिरकर 98वें पहुंची, इसकी जांच होगी।
उनका मुख्य उद्देश्य संस्थान में भयमुक्त माहौल स्थापित करना, सभी फैकल्टी को साथ लेकर विद्यार्थियों के साथ तालमेल बिठाना और एनआईटी हमीरपुर को एनआईटी जालंधर की तर्ज पर ऊंचाइयों पर ले जाना है।
उन्होंने कहा कि एनआईटी टेक्निकल क्वालिटी इंप्रूवमेंट प्रोग्राम-3 में क्यों शामिल नहीं हो पाया और क्यों रिसर्च वर्क समय पर जमा नहीं हो पाए, इसकी जांच होगी।