केंद्र सरकार ने गुजरात व आंध्र प्रदेश के साथ ऊना के लिए बल्क ड्रग पार्क प्रोजेक्ट को सैद्धांतिक मंजूरी की प्रदान
मोदी सरकार ने गुजरात व आंध्र प्रदेश के साथ हिमाचल प्रदेश के जिला ऊना के लिए बल्क ड्रग पार्क प्रोजेक्ट को सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान कर दी
यंगवार्ता न्यूज़ - ऊना 31-08-2022
मोदी सरकार ने गुजरात व आंध्र प्रदेश के साथ हिमाचल प्रदेश के जिला ऊना के लिए बल्क ड्रग पार्क प्रोजेक्ट को सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान कर दी है। हिमाचल प्रदेश के ऊना जिला के लिए बहु प्रतीक्षित बल्क ड्रग पार्क परियोजना समूचे सूबे के लिए गेम चेंजर साबित हो सकती है।
जिला ऊना के हरोली विधानसभा क्षेत्र के तहत पोलियां क्षेत्र में प्रदेश के पहले बल्क ड्रग पार्क की स्थापना की जाएगी। इसके लिए 1405.93 एकड़ भूमि को उद्योग विभाग के नाम किया गया है। इसमें से 1365.76 एकड़ सरकारी भूमि उद्योग विभाग के नाम पर ट्रांसफर किया गया है, जबकि 40.17 एकड़ निजी क्षेत्र से भूमि के सेल एग्रीमेंट को भी क्रियान्वित किया जा चुका है।
प्रस्तावित बल्क ड्रग पार्क की अधिसूचना जारी होते ही इसकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार कर केंद्र सरकार को भेजी जाएगी। इसके बाद इस परियोजना के लिए केंद्र सरकार आर्थिक मदद जारी करेगी।
परियोजना के तहत करीब अढ़ाई हजार करोड़ रुपए की राशि आधारभूत ढांचे के विकास पर व्यय की जाएगी, जबकि करीब आठ से 10 हजार करोड़ रुपए का निवेश औद्योगिक परियोजनाओं में किया जाएगा।
पार्क के बनने से 20 से 25 हजार लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित होंगे। हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनावों से पहले हिमाचल प्रदेश के लिए बल्क ड्रग पार्क की घोषणा कहीं चुनावी जूमला बनकर न रह जाए, इसको लेकर भी राजनीतिक पंडित संदेह व्यक्त कर रहे है।
प्रदेश में पहले भी ऐसी कई घोषणाएं धरातल पर उतरने के इंतजार में वर्षो से लटकी पड़ी हैं। हमीरपुर के स्पाइस पार्क की घोषणा भी तत्कालीन यूपीए सरकार ने चुनावों से पूर्व की थी। इसका शिलान्यास भी किया गया था, लेकिन यह परियोजना अभी तक अधर में लटकी पड़ी है।
हिमाचल प्रदेश में ऊना जिला के हरोली क्षेत्र को बल्क ड्रग पार्क प्रोजेक्ट के लिए चुना गया। इसके पीछे ऊना जिला का सडक़ व ब्रॉडगेज रेल मार्ग से देश की राजधानी दिल्ली से सीधा जुड़ा होना प्रमुख कारण रहा है। इसके साथ ही क्षेत्र में प्रचुर मात्रा में बिजली, पानी की उपलब्धता भी बल्क ड्रग पार्क की ऊना में स्थापना के लिए अहम कारण रहे।
पार्क के निर्माण के लिए कम से कम पर्यावरण से छेड़छाड़ होगी। पोलियां, पूबोवाल व आसपास के क्षेत्रों के अप्रयुक्त एरिया में इसकी स्थापना के चलते न तो किसी को विस्थापन की समस्या झेलनी पड़ेगी। वही, खाली भूमि का भी सदुपयोग हो पाएगा।
हरोली क्षेत्र के लिए स्वीकृत बल्क ड्रग पार्क प्रोजेक्ट के सिरे चढऩे से न केवल हरोली विधानसभा क्षेत्र, बल्कि समूचा हिमाचल प्रदेश देश का प्रमुख फार्मा हब बनकर उभरेगा। चीन, वियतनाम, ताइवान व अन्य देशों पर फार्मा सेक्टर के रॉ मटीरियल की निर्भरता को यह ड्रग पार्क खत्म करेगा।
यहां पर तैयार रॉ मटीरियल न केवल बीबीएन के फार्मा उद्योग के लिए लाभ का सौदा बनेगा, अपितु पूरे देश को फार्मा रॉ मटीरियल की सप्लाई यहां से होगी। इससे हिमाचल प्रदेश की आर्थिकी नए आयाम छुएगी। वहीं इससे प्रदेश में युवाओं के लिए रोजगार के असीमित अवसर सृजित होंगे।