किसान आंदोलन के समर्थन में उतरे कई संगठन बोले , स्वामी नाथन कमीशन की सिफारिशें करो लागू
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 05-12-2020
किसान आंदोलन के समर्थन में शनिवार को प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में केंद्र सरकार सहित कुछ उद्योगपतियों के पुतले फूंके गए। प्रदेश के विभिन्न जिलों में वामपंथी संगठनों ने किसान विरोध तीन कानूनों के खिलाफ हल्ला बोला।
नए कानून से फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की अवधारणा को समाप्त करने का आरोप लगाया गया। केंद्र सरकार पर फसलों को कांट्रेक्ट फार्मिंग के जरिये पूंजीपतियों के हवाले करने की साजिश रचने का आरोप भी लगाया। सीटू, हिमाचल किसान सभा, जनवादी महिला समिति, डीवाईएफआई, एसएफआई, दलित शोषण मुक्ति मंच ने अपनी मांगों, तीन किसान विरोधी कानूनों व बिजली संशोधन विधेयक 2020 को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सहित अंबानी व अडानी के पुतले जलाए।
इन संगठनों ने एलान किया है कि किसानों के आंदोलन के समर्थन में प्रदेश भर के मजदूरों, किसानों, महिलाओं, युवाओं, छात्रों व सामाजिक तथा आर्थिक रूप से पिछड़े तबकों की ओर से आंदोलन को तेज किया जाएगा। सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा कि किसान आंदोलन से स्पष्ट हो गया है कि मोदी की भाजपा सरकार पूंजीपतियों के साथ है।
केंद्र सरकार किसान विरोधी नीतियां लाकर किसानों को कुचलना चाहती है। केंद्र सरकार के नए कानूनों से एपीएमसी जैसी कृषि संस्थाएं बर्बाद हो जाएंगी। कृषि उत्पादों की कालाबाजारी, जमाखोरी व मुनाफाखोरी होगी। इससे न केवल किसानों को नुकसान होगा, लेकिन आम जनता को भी इसकी मार झेलनी पड़ेगी। स्वामीनाथन कमीशन की सिफारिशें पिछले दो दशकों से केंद्र सरकार की अलमारियों में धूल फांक रही है।