गुज्जर समाज कल्याण परिषद मंच के बैनर तले सड़कों पर उतरे लोग,  गुज्जरों को 5 प्रतिशत कोटा अलग से करने की मांग 

सिरमौर जिला में गुज्जर समुदाय से ताल्लुक रखने वाले लोगों ने आज काला अंब में गुज्जर समाज कल्याण परिषद के बैनर तले एक रोष रैली निकाली जिसमे सेंकड़ों की सँख्या में लोग पहुँचे

गुज्जर समाज कल्याण परिषद मंच के बैनर तले सड़कों पर उतरे लोग,  गुज्जरों को 5 प्रतिशत कोटा अलग से करने की मांग 

यंगवार्ता न्यूज़ - नाहन  21-09-2022
 
सिरमौर जिला में गुज्जर समुदाय से ताल्लुक रखने वाले लोगों ने आज काला अंब में गुज्जर समाज कल्याण परिषद के बैनर तले एक रोष रैली निकाली जिसमे सेंकड़ों की सँख्या में लोग पहुँचे। गुज्जर समुदाय के लोगो का कहना है कि गिरिपार को जनजातीय क्षेत्र घोषित कर उनके आरक्षण के साथ छेड़छाड़ किया जा रहा है। 
 
 
मीडिया से बात करते हुए गुज्जर समाज कल्याण परिषद के अध्यक्ष हंसराज भाटिया ने बताया कि गिरिपार क्षेत्र को जनजातीय क्षेत्र घोषित करने से उनको मिलने वाले साढ़े 7 प्रतिशत आरक्षण पर सीधा असर पड़ेंगा , क्योंकि इस क्षेत्र के शमिल होने से सीधे तौर पर करीब डेढ़ लाख लोगों की आबादी बढ़ जाएंगी। 
 
 
उन्होंने बताया कि गुज्जर समुदाय के लोग कम शिक्षित है और जिस क्षेत्र को जनजातीय क्षेत्र घोषित किया जा रहा है वहां साक्षरता दर अच्छी है जिससे गुज्जर समुदाय के लोगो को आरक्षण का कोई लाभ नहीं मिल पाएगा। उन्होंने कहा कि तृतीय व चतुर्थ क्षेणी में समुदाय के लोगो को मिलने वाले 5 प्रतिशत कोटे को भी बरकरार रखा जाए। 
 
 
युवा गुज्जर कल्याण परिषद के अध्यक्ष किंशुक गुज्जर ने बताया कि जनजातीय क्षेत्र के लिए घोषित 7 .5 प्रतिशत कोटे में से सिर्फ  5 प्रतिशत कोटा गुज्जर समुदाय को दिया जा रहा है और अब गिरिपार क्षेत्र को जनजातीय क्षेत्र घोषित कर उनके आरक्षण के साथ छेड़खानी की जा रही है जो उचित नही है। 
 
 
उन्होंने बताया की गुज्जर समुदाय की साक्षरता दर मात्र 59 प्रतिशत है जबकि गिरिपार क्षेत्र की साक्षरता दर 80 प्रतिशत है ऐसे में गुज्जर समुदाय का युवा अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहा है। 
 
 
उन्होंने कहा कि सरकार से यह मांग की जा रही है कि शेड्यूल ट्राइब में 5 गुर्जरों के लिए निर्धारित किया गुज्जर समुदाय से जुड़ी सम्मेलन में पहुंची महिलाओं ने बताया कि सरकार से वह अपने अधिकारों को सुरक्षित रखने की मांग कर रहे हैं की गिरीपार को जनजातीय क्षेत्र घोषित करने से उन्हें सीधा नुकसान होगा ऐसे में वह सरकार तक अपनी बात पहुंचाना चाहते है।