गोबिंदसागर झील में जलमग्न कहलूर रियासत के प्रसिद्ध मंदिरों का जनवरी से होगा शिफ्टिंग कार्य 

गोबिंदसागर झील में जलमग्न कहलूर रियासत के प्रसिद्ध ऐतिहासिक मंदिरों को शिफ्ट करने का काम जनवरी से शुरू हो जाएगा। पहले चरण में नाले के नौण में पांच में से गोपाल मंदिर समते तीन मंदिर लिफ्ट कर धौलरा में रखे जाएंगे

गोबिंदसागर झील में जलमग्न कहलूर रियासत के प्रसिद्ध मंदिरों का जनवरी से होगा शिफ्टिंग कार्य 

यंगवार्ता न्यूज़ - बिलासपुर       12-12-2022

गोबिंदसागर झील में जलमग्न कहलूर रियासत के प्रसिद्ध ऐतिहासिक मंदिरों को शिफ्ट करने का काम जनवरी से शुरू हो जाएगा। पहले चरण में नाले के नौण में पांच में से गोपाल मंदिर समते तीन मंदिर लिफ्ट कर धौलरा में रखे जाएंगे। 

अयोध्या में राम मंदिर की खोज करने वाले देश के मशहूर पुरातत्वविद पद्मश्री केके मोहम्मद के दिशा-निर्देश में लार्सन एंड टरबो (एलएंडटी) इस काम को देखेगी। पहले चरण में जनवरी में 100 करोड़ रुपये जारी होंगे।

1500 करोड़ रुपये की यह परियोजना तीन चरणों में पूरी होगी। दूसरे चरण में सांडू मैदान को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा। तीसरे चरण में मंडी भराड़ी के पास बैराज बनाकर मंदिरों के आसपास एक जलाशय बनाया जाएगा। इसमें रिवर फ्रंट और वॉक वेज आदि विकसित होंगे। 

दो मंदिर धरती के नीचे दब गए हैं और जर्जर हो गए हैं, इस कारण इन्हें रिकवर नहीं किया जा सकता है। नाले के नौण से मंदिर लिफ्ट करने के लिए दो जगहों से मिट्टी के सैंपल लिए गए थे, जो पास हो गए थे। लिफ्ट होने वाले मंदिरों का मॉड्यूल भी आ गया है।

पर्यटन विभाग ने डीपीआर तैयार कर इसके लिए एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) को फाइल भेजी है। जनवरी में एडीबी की टीम शिमला में इसकी समीक्षा करेगी। परियोजना पर प्रदेश सरकार 100 करोड़ और केंद्र 1400 करोड़ खर्च करेगा। साल 2019 में इंडियन ट्रस्ट फॉर रूरल हेरिटेज डेवलपमेंट टीम के विशेषज्ञों ने बिलासपुर के सांडू से मंदिरों में लगे पत्थर के नमूने लिए थे।

इससे पता लगाया जाना था कि यह पत्थर देश में कहां पाया जाता है। दशकों से झील में जलमग्न मंदिर रंगनाथ, खुनमुखेश्वर, ठाकुरद्वारा, मुरली मनोहर, गोपाल मंदिर और हनुमान मंदिर को स्थानांतरित करने के लिए बंदला रोड पर काला बाबा कुटिया के पास करीब 28 बीघा जमीन चिह्नित की गई है।

डीपीआर तैयार कर फाइल एडीबी को भेजी है। जनवरी में इसके पहले चरण के लिए राशि मंजूर होगी। दूसरे चरण की फाइल भी केंद्र सरकार को भेज दी गई है। - पवन शर्मा, चीफ इंजीनियर हिमाचल प्रदेश रोड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन