ज्योतिष शास्त्र,सम्पूर्ण विश्व को भारत की अनुपम देन संस्कृत भाषा को समृद्ध करना आवश्यक : शिक्षा मंत्री 

ज्योतिष शास्त्र,सम्पूर्ण विश्व को भारत की अनुपम देन है, इसके लिए संस्कृत भाषा को समृद्ध करना आवश्यक है। ये बात देवसदन में  भारतीय ज्योतिष के विषय पर आयोजित संगोष्ठी में विभिन्न क्षेत्रों से आये हुए ज्योतिष शास्त्रियों व शोधकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए भाषा कला, संस्कृति व शिक्षा मन्त्री गोविन्द सिंह ठाकुर कही

ज्योतिष शास्त्र,सम्पूर्ण विश्व को भारत की अनुपम देन संस्कृत भाषा को समृद्ध करना आवश्यक : शिक्षा मंत्री 

यंगवार्ता न्यूज़ - कुल्लू      03-09-2022

ज्योतिष शास्त्र,सम्पूर्ण विश्व को भारत की अनुपम देन है, इसके लिए संस्कृत भाषा को समृद्ध करना आवश्यक है। ये बात देवसदन में  भारतीय ज्योतिष के विषय पर आयोजित संगोष्ठी में विभिन्न क्षेत्रों से आये हुए ज्योतिष शास्त्रियों व शोधकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए भाषा कला, संस्कृति व शिक्षा मन्त्री गोविन्द सिंह ठाकुर कही। 

उन्होंने कहा कि ज्योतिष शास्त्र भारत के मनीषियों एवं ज्योतिर्विद बुद्धिजीवियों द्वारा प्रतिपादित एक ऐसा शास्र है जिसे पूरे विश्व में भारत की  एक अनुपम देन के रुप में देखा जाता है। पुरातन काल में ही इस क्षेत्र में भारत के मनीषियों के बहुत बिकास कर लिया था। यह संगोष्ठी भारतीय ज्योतिष अनुसंधान एवं सामर्थ्य फॉउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया।

उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकारी स्कूलों में तीसरी कक्षा से संस्कृत की पढ़ाई आरंभ की जाएगी तथा इसके साथ ही नवम कक्षा से भगवतगीता के  एक अध्याय के रूप में पढ़ाना आरंभ किया जाएगा। सरकार ने शास्त्री अध्यापकों के पदनाम को टीजीटी संस्कृत किया है जिसके लिए समस्त संस्कृत के अध्यापकों ने सुंदरनगर में मुख्यमंत्री महोदय के लिए अभिनंदन का कार्यक्रम रखा है।

उन्होंने कहा कि  ज्योतिष विषय को आरंभ करने के बारे में भी विचार किया जा रहा है इस विषय को और अधिक शोध की आवश्यकता के साथ सामने लाना पड़ेगा और ज्योतिष में और ज्ञान बढ़ाने की आवश्यकता है। सरकार द्वारा नए संस्कृत महाविद्यालय खोले जा रहे हैं कुल्लू में जगतसुख नामक स्थान पर 3 हेक्टेयर जमीन पर संस्कृत महाविद्यालय खोला जाएगा जहां पर नई शिक्षा नीति के अनुसार विविध्विष्यों की समावेशी पढ़ाई शुरू की जाएगी। 

नई शिक्षा नीति  मातृभाषा में सीखने पर अधिक बल देती है। इसी प्रकार ज्योतिष विषय को भी सुगम बनाने की आवश्यकता है ताकि अधिकाधिक लोग इस विषय से लाभ ले सके, तभी भारत विश्व गुरु बन सकता है। 

उन्होंने सामर्थ्य फाउंडेशन को यह कार्यक्रम आयोजित करने के लिए 25000 की प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा भी की।इस अवसर पर प्रसिद्ध ज्योतिष शास्त्री पंडित लेखराज शर्मा, डॉ पूनम शर्मा, जिला भाषा अधिकारी सुनीला ठाकुर भी उपस्थित रहे।
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