तिरंगे में लिपट कर पंचतत्व में विलीन हुए वनरक्षक राजेश , वन मंत्री बोले, घोषित किया जाएगा बलिदानी 

हिमाचल प्रदेश के जिला ऊना के बंगाणा क्षेत्र में जंगल की आग बुझाते झुलसकर जान गंवाने वाले वनरक्षक को प्रशासन ने तिरंगा ओढ़ाकर अंतिम विदाई दी

तिरंगे में लिपट कर पंचतत्व में विलीन हुए वनरक्षक राजेश , वन मंत्री बोले, घोषित किया जाएगा बलिदानी 

यंगवार्ता न्यूज़  - ऊना    26-05-2022

हिमाचल प्रदेश के जिला ऊना के बंगाणा क्षेत्र में जंगल की आग बुझाते झुलसकर जान गंवाने वाले वनरक्षक को प्रशासन ने तिरंगा ओढ़ाकर अंतिम विदाई दी। वन मंत्री राकेश पठानिया ने कहा कि राजेश कुमार को तिरंगे में ओढ़ाकर अंतिम विदाई दी गई। बलिदानी की तरह अंतिम संस्कार किया जा गया। 

पुलिस के जवानों ने सलामी दी। वन मंत्री सुबह ही वनरक्षक राजेश कुमार के घर पहुंच गए थे। इसके अलावा पंचायती राज मंत्री व स्थानीय विधायक वीरेंद्र कंवर, उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक भी मौके पर पहुंच गए। वन मंत्री ने कहा वनरक्षक की पत्नी को आधा वेतन पेंशन के रूप में आजीवन मिलता रहेगा। 

इसके अलावा बच्चे को नौकरी दी जाएगी। मंत्रिमंडल में इसे लेकर जाया जाएगा व वनरक्षक को बलिदानी घोषित किया जाएगा। साथ ही वनरक्षक की पत्नी को राज्‍यस्‍तरीय समारोह में राज्यपाल के हाथों से सम्‍मानित भी करवाया जाएगा। 

वनरक्षक राजेश कुमार जंगल की आग को बुझाते हुए झुलस गए थे। दो दिन के बाद उनका पीजीआई चंडीगढ़ में निधन हो गया था। राजेश कुमार ने अपनी जान की परवाह न करते हुए वन संपदा व जीव जंतुओं को बचाने के लिए अपने प्राण तक गंवा दिए। राजेश कुमार पहले डिस्पैच में थे व हाल ही में वनरक्षक के पद पर तैनात हुए थे। लेकिन वह अपने काम को लेकर बेहद संजीदा थे। 

पूरी ईमानदारी के साथ अपने कर्तव्य का निर्वहन करते थे। जंगल में लगी आग पर काबू पाने के लिए वह एक छोर पर अकेले ही जुटे थे। इस दौरान तूफान चलने के कारण आग बेकाबू हो गई व वह भी इसकी चपेट में आकर 90 फीसद तक झुलस गए। गंभीर हालत में उन्हें स्थानीय अस्पताल पहुंचाया गया। 
लेकिन बंगाणा से ऊना और वहां से पीजीआई चंडीगढ़ के लिए रेफर कर दिया गया। दो दिन बाद उनका निधन हो गया। वनरक्षक राजेश कुमार के अंतिम संस्कार के दौरान श्मशान घाट पर मौजूद वन मंत्री राकेश पठानिया, उपायुक्त ऊना और पुलिस अधीक्षक व अन्य लोग मौजूद थे।