न्यूज़ एजेंसी - नई दिल्ली 05-05-2021
देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने कोहराम मचा रखा है। लगातार बढ़ते कोरोना मरीजों के चलते राजधानी दिल्ली समेत देश भर में ऑक्सीजन के लिए हाहाकार मच गया है। देश की राजधानी दिल्ली में जारी ऑक्सीजन संकट का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है।
केंद्र सरकार ने बुधवार को ऑक्सीजन संकट को दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, जिस पर शीर्ष अदालत ने सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को निर्देश दिया है कि दिल्ली को हर हाल में 700 मीट्रिक टन (एमटी) ऑक्सीजन उपलब्ध कराई जाए और इस बारे में योजना कल यानी गुरुवार को होने वाली सुनवाई से पहले बताएं। हालांकि, इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र के खिलाफ जारी अवमानना नोटिस पर रोक लगा दी।
सुप्रीम कोर्ट के दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ ने सवाल किया कि आपने दिल्ली को कितना ऑक्सीजन दिया है। साथ ही केंद्र ने हाईकोर्ट में ये कैसे कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली को 700 एमटी ऑक्सीजन सप्लाई का आदेश नहीं दिया। केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया कि अप्रैल से पहले ऑक्सीजन की मांग ज्यादा नहीं थी, लेकिन अब ये अचानक बढ़ी है।
दिल्ली को 450 एमटी ऑक्सीजन की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अधिकारियों को जेल भेजने और अवमानना की कार्यवाही से ऑक्सीजन नहीं मिलेगा, इसके लिए केंद्र और दिल्ली सरकार को मिलकर काम करना होगा, आखिर लोगों की जान खतरे में है। कोर्ट ने कहा कि ऑक्सीजन के भंडारण और इसके इस्तेमाल से संबंधित मुंबई के मॉडल को दिल्ली अपनाती है।
अदालत ने केंद्र से कहा कि क्यों नहीं वह यह जानकारी सार्वजनिक करती है कि कब तक ऑक्सीजन आ पाएगा और कितना उपलब्ध है। ऐसा करने से लोगों को सहूलियत होगी। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अदालत के आदेश के मुताबिक ऑक्सीजन मुहैया कराने की हर संभव कोशिश की जा रही है। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, हम नागरिकों के प्रति जवाबदेह हैं। न्यायाधीशों के रूप में हम इतने लोगों के संपर्क में नहीं हैं कितने आप हैं। लेकिन, मेरे ऑफिस के अधिकारी, वकील रो रहे हैं, मदद मांग रहे हैं।
हाईकोर्ट ने मंगलवार को ऑक्सीजन संकट के मामले में केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था। इसके बाद केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और आज ही इस मामले पर सुनवाई करने की अपील की थी। केंद्र सरकार की अपील पर मामले को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस चंद्रचूड़ की बेंच ने मामले की सुनवाई की।