देश में पहली बार हींग ही नहीं, केसर भी पैदा करेगा हिमाचल, तीन जिलों में ट्रायल सफल

देश में पहली बार हींग ही नहीं, केसर भी पैदा करेगा हिमाचल, तीन जिलों में ट्रायल सफल

यंगवार्ता न्यूज़ - मंडी  31-10-2020

हिमाचल अब हींग के साथ केसर का भी उत्पादक बनेगा। दोनों के सफल ट्रायल लाहौल स्पीति और मंडी में हुए हैं। केसर का ट्रायल हालांकि लाहौल में पहले भी सफल रहा था, अब इसकी खेती शुरू करने की तैयारी है। हींग की खेती शुरू होने से अन्य देशों पर भारत की निर्भरता खत्म हो जाएगी।

मंडी में भी हींग जंजैहली क्षेत्र में तैयार किया जा रहा है। वहीं जिन क्षेत्रों में केसर लगाया गया था, वहां इसमें फूल आ गए हैं। इससे लाहौल के बाद मंडी में भी केसर की खेती आरंभ होने की संभावना प्रबल हो गई है। जबकि सिरमौर में पहले ही केसर की खेती शुरू हो गई है। 

हिमालय जैव संपदा एवं प्रौद्योगिकी संस्थान यानी आइएचबीटी की पहल का ही असर है कि केसर और हींग को हिमाचल में तैयार किया जा रहा है। 10000 फीट से अधिक ऊंचाई पर होने वाले इनके पौधों का सबसे पहले ट्रायल लाहौल स्पीति में स्थित संस्थान की प्रयोगशाला में हुआ। इसके बाद इसे लाहौल की जमीन पर रोपा गया। वहां पर ट्रायल सफल होने के बाद अब इसे मंडी, किन्नौर, रामपुर, पांगी में रोपा गया है।

 हींग और केसर दोनों की खेती में अगर संस्थान सफल रहता है तो प्रदेश के किसानों को आय का स्रोत मिलेगा। वहीं, देश में हींग और केसर की मांग भी पूरी हो सकेगी।जम्मू कश्मीर में केसर के बीमारी में चपेट में आने के कारण पहली बार 2008-09 में इस प्रोजेक्ट पर काम आरंभ हुआ था।

इस दौरान लाहुल स्पीति, रामपुर, भरमौर और पांगी में इसे उगाया गया था।  जहां पर इसका ट्रायल सफल रहा था। बता दें कि केसर के लिए अनुकूल तापमान और नमी वाली जमीन की जरूरत होती है। 

मंडी जिला की मुरहाग पंचायत के तांदी आहण और थरजूण के खन्यारी गांव में किसान तेज सिंह, पम्‍मी राम, आहण के चुन्‍नी लाल, धनी राम, चमन लाल, बंसी राम तथा तांदी के अनंत राम व मोहर सिंह ने केसर के पौधे लगाए हैं, इनमें फूल आ गए हैं। किसानाें को 10-10 किलो केसर के कंद उगाने के लिए दिए गए हैं। केसर का प्रयोग बच्चों और बड़ों दोनों के लिए लाभदायक होता है।

गर्भवती महिलाओं को दूध में मिलाकर यह पिलाया जाता है। इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी, एंटी अल्जाइमर, मिर्गी के दौरे को रोकने के तत्व मौजूद होते हैं। यह भूख बढ़ाने सहित हाजमे को मजबूत करने में मुख्य भूमिका निभाता है। अपने इन बेहतरीन गुणों के कारण ही इसका दाम काफी अधिक होता है।