दसवीं कक्षा में मेधावी रहे 603 हिमाचली बने ग्रामीण डाक सेवक, घर-घर जाकर बांटेंगे चिट्ठी-पत्र 

दसवीं कक्षा में मेधावी रहे 603 हिमाचली बने ग्रामीण डाक सेवक, घर-घर जाकर बांटेंगे चिट्ठी-पत्र 

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला       13-03-2023

दसवीं कक्षा में मेधावी रहे 603 हिमाचली ग्रामीण डाक सेवक बन गए हैं। ये सभी अब अब घर-घर जाकर चिट्ठी-पत्र बांटेंगे। सभी संबंधित मंडलों में 21 मार्च से पहले दस्तावेजों के साथ रिपोर्ट करेंगे। देश भर में इस पद के लिए 40,889 ग्राम डाक सेवकों का चयन किया गया है। 

हिमाचल में सामान्य वर्ग से 261, ओबीसी से 130, अनुसूचित जाति से 126, एसटी से 25, ईडब्ल्यूएस से 57, पीडब्ल्यूडीए से एक, पीडब्ल्यूडीबी से एक और पीडब्ल्यूडीसी से दो अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए हैं।

इनके दसवीं में करीब 84 से 100 फीसदी अंक हैं। वहीं, पंजाब से 766, हरियाणा से 354, जम्मू-कश्मीर से 300 और दिल्ली से 46 का चयन किया गया है। इनमें जिन स्कूल शिक्षा बोर्डों में यह ग्रेड प्रणाली लागू है, उनमें 9.5 के गुणक फैक्टर पर 100 फीसदी अंकों की गणना की गई है।

ग्रामीण डाक सेवकों की बीपीएम श्रेणी के लिए मानदेय 12,000 से लेकर 29,380 रुपये रहेगा, जबकि एबीपीएम एवं डाक सेवक के लिए यह 10,000 से 24,470 रुपये मासिक होगा। इन पदों के लिए आयु सीमा न्यूनतम 18 और अधिकतम 40 साल रखी गई थी। 

सामान्य वर्ग से 261, ओबीसी से 130, अनुसूचित जाति से 126, एसटी से 25, ईडब्ल्यूएस से 57, पीडब्ल्यूडीए से एक, पीडब्ल्यूडीबी से एक और पीडब्ल्यूडीसी से दो अभ्यर्थी। शिमला जिला में 47, चंबा में 3, ऊना में 5, सोलन और सिरमौर में 24, बिलासपुर में 26 और हमीरपुर में एक अभ्यर्थी ने 100 फीसदी अंक लिए हैं।