नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती हिमाचल के लिए एक ऐतिहासिक एवं गौरवमय दिन : कश्यप
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती हिमाचल प्रदेश के लिए एक ऐतिहासिक एवं गौरवमय दिन रहा जब देश की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंडमान निकोबार के 21 दीप समूहों के नाम परमवीर चक्र से सम्मानित सैनिकों के नाम पर रखें
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 24-01-2023
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती हिमाचल प्रदेश के लिए एक ऐतिहासिक एवं गौरवमय दिन रहा जब देश की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंडमान निकोबार के 21 दीप समूहों के नाम परमवीर चक्र से सम्मानित सैनिकों के नाम पर रखें उसमें से चार द्वीप हिमाचल प्रदेश के वीर पुत्रों के नाम रखे गए।
अब आईएनएएन 370 द्वीप का नाम सोमनाथ शर्मा द्वीप होगा, इसी प्रकार आईएनएएन 646 धन सिंह द्वीप, आईएनएएन 417 विक्रम बत्रा द्वीप, आईएनएएन 536 संजय द्वीप के नाम से जाना जाएगा।
सुरेश कश्यप ने कहा कि यह हिमाचल के लिए एक स्वर्णिम पाल है जब हिमाचल के चार वीरों का नाम अंडमान निकोबार के 21 दीप समूहों के नमो में शामिल किया गया है, इससे हिमाचल प्रदेश की शान बड़ी है। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी केंद्र सरकार का कोटि-कोटि आभार और धन्यवाद।
उन्होंने कहा कि कैप्टन विक्रम बत्रा को हिमाचल प्रदेश में बच्चा बच्चा जानता है वह कारगिल युद्ध के हीरो थे जिनका नाता जिला कांगड़ा के पालमपुर से रहा 7 जुलाई 1999 को कारगिल युद्ध में देश के लिए शहीद हुए विक्रम बत्रा की शहादत के बाद कारगिल में पॉइंट 4875 चोटी को बत्रा टॉप के नाम से भी जाना जाता है । उनका दिया गया नारा यह दिल मांगे मोर हम सबके लिए प्रेरणादायक है।
कर्नल धन सिंह थापा शिमला जिला से नाता रखते हैं 20 अक्टूबर 1962 में वह लद्दाख में अग्रिम चौकी में तैनात थे, जब चीनी सैनिकों ने तोप और मोरटारा से हमला बोला उन्होंने कई चीनी सैनिकों को मौत के घाट उतारा और उसके बाद वह देश के लिए शहीद हो गए।
मेजर सोमनाथ शर्मा देश के पहले परमवीर चक्र विजेता रहे उनका नाता जिला कांगड़ा के पालमपुर से था 3 नवंबर 1947 को श्रीनगर एयरपोर्ट के पास पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ते हुए वह देश के लिए शहीद हो गए।
सूबेदार मेजर संजय कुमार कारगिल युद्ध में उनकी एरिया फ्लैट टॉप पर कब्जा करने में महत्वपूर्ण भूमिका रही, वह जिला बिलासपुर से नाता रखते थे। 23 साल की उम्र में देश के लिए उन्होने अपने प्राण न्योछावर कर दिए। कश्यप ने कहा की देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परमवीर चक्र से सम्मानित सैनिकों को सच्ची श्रद्धांजलि दी है।