न्याय का मानवीय पक्ष डॉक्यूमेंट्री ने लूटी वाहवाही , शिमला में हुआ फिल्म का प्रदर्शन
हिमाचल प्रदेश विधिक अध्ययन संस्थान शिमला की राष्ट्रीय सेवा योजना यानी एनएसएस इकाई और फ्रेगरेंटक्रियेशन कोलकाता द्वारा संयुक्त रूप से दी ह्यूमेन जुडिकेचर यानी न्याय का मानवीय पक्ष विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला एवं प्रदर्शनी का आयोजन किया गया।
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 15-12-2021
हिमाचल प्रदेश विधिक अध्ययन संस्थान शिमला की राष्ट्रीय सेवा योजना यानी एनएसएस इकाई और फ्रेगरेंटक्रियेशन कोलकाता द्वारा संयुक्त रूप से दी ह्यूमेन जुडिकेचर यानी न्याय का मानवीय पक्ष विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला एवं प्रदर्शनी का आयोजन किया गया।
कार्यशाला एवं प्रदर्शनी अवालॉज स्थित संस्थान के सभागार में आयोजित किय़ा गया। कार्यशाला के दौरान फिल्म निर्माता एवं निर्देशक सौरव सरकार की “दी ह्यूमेन जुडिकेचर” डॉक्यूमेंट्री फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया।
डॉक्यूमेंट्री फिल्म के माध्यम से छात्र-छात्राओं को जनहित याचिका से जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं को समझाया गया। फिल्म की विषय-वस्तु पर चर्चा करते हुए सौरव सरकार ने कहा कि विधि एवं न्याय जैसे अहम विषय पर अधिक फिल्मों का निर्माण होना चाहिए और इन संवेदनशील विषयों पर बनने वाली फिल्म एवं डॉक्यूमेंट्री का उद्देश्य मात्र जागरूकता फैलाना नहीं बल्कि युवाओं में समाज सेवा की चेतना का विकास करना होना चाहिए।
उन्होंने बताया कि फिल्मकार को फिल्म फेस्टिवल तक सीमित नहीं रहना चाहिए बल्कि उसे फिल्म के माध्यम से समाज से जुड़ने का प्रयास करना चाहिए और इसके लिए आवश्यक है कि फिल्मकार लोगों के बीच में अपनी कलाकृति का प्रदर्शन करें।
चर्चा में हिस्सा लेते हुए कार्यक्रम के संयोजक एवं हिमाचल प्रदेश विधिक अध्ययन संस्थान शिमला के निदेशक प्रो. (डॉ) संजय सिंधू ने इस बताया कि लोगों में इतनी विधिक जागरूकता होनी चाहिए की वह जनहित याचिका जैसे महत्वपूर्ण प्रावधान की अहमियत को समझें।
दूरदर्शन शिमला की प्रोग्राम इग्ज़ेक्युटिव धारा सरस्वती कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। इसके अतिरिक्त हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के विधि विभाग के अधिष्ठाता, प्रो.(डॉ) राघवेंद्र सिंह, दी स्टेट्समन की पूर्व ब्यूरो चीफ रचना फुल्ल, फिल्म मेकर देव कन्या, कार्यक्रम की संयोजक डॉ. गीतांजली थापर एवं संस्थान के सभी शिक्षक एवं छात्र भी कार्यक्रम के दौरान मौजूद रहे।