प्रदेश में पीने के साथ-साथ अब बावड़ियों के पानी से खेतों की सिंचाई भी करेंगे किसान 

प्रदेश में पीने के साथ-साथ अब बावड़ियों के पानी से खेतों की सिंचाई भी करेंगे किसान 

यंगवार्ता न्यूज़ - धर्मशाला    28-07-2020

हिमाचल के कांगड़ा जिले के विकास खंड धर्मशाला में अब प्राकृतिक जल संसाधनों (बावड़ियां) का दोहरा उपयोग किया जाएगा। पीने के पानी के साथ-साथ अब बावड़ियों को खेतों में सिंचाई के लिए भी इस्तेमाल किया जाएगा। 

हिमाचल में पहली बार इस तरह का प्रयोग किया जा रहा है। इससे किसानों को किसी भी समय या मौसम में खेतों में फसल को पानी देने की कमी नहीं आएगी। बावड़ियों की जियो टैगिंग की जाएगी। इससे लोेग ऑनलाइन ही क्षेत्र की बावड़ियों के बारे में जान सकेंगे।

बावड़ी संरक्षण और जीर्णोद्धार अभियान में विकास खंड धर्मशाला में करीब 100 से अधिक बावड़ियों का संरक्षण किया जाएगा। इससे लोगों को स्वच्छ पानी मुहैया होगा। 

प्राकृतिक जल संसाधनों को भी बचाया जा सकेगा। पानी को बड़े पैमाने पर स्टोर किया जाएगा और यह सिंचाई के काम आएगा। 

पानी और स्वच्छता में साझेदारी कार्यक्रम के अंतर्गत विकास खंड धर्मशाला की 24 पंचायतों में प्राकृतिक जल संसाधनों (बावड़ियां) का डिजिटल मैप तैयार किया जाएगा। 

जिसमें 100 से अधिक बावड़ियों की भौगोलिक स्थिति का एक खाका तैयार किया जाएगा। इससे के कोई भी व्यक्ति गूगल मैप पर बावड़ियों की जानकरी प्राप्त कर सकता है।

धर्मशाला के बीडीओ अभिनीत कात्यायन ने बताया कि धर्मशाला की बावड़ियों का जायजा लिया जा रहा है। बावड़ियों की स्थिति और पानी की गुणवत्ता की जांच की जाएगी। 

उसके बाद सभी बावड़ियों को पंचायत प्रतिनिधियों की ओर से सुधारा जाएगा। विभाग की ओर से राशि दी जाएगी।

हर पंचायत प्रतिनिधि अपने क्षेत्र की बावड़ियों का खाका तैयार करेंगे और क्लोरीन की मदद से बावड़ियों के पानी सो समय-समय पर साफ किया जाएगा।