बांदल में विजट महाराज का शांत महायज्ञ पर्व में उमड़ा आस्था का जनसैलाब  , पांच वर्ष बाद आयोजित हुआ पर्व

जिला सिरमौर का गिरिपार क्षेत्र अपनी अनूठी परंपराओं के लिए जाना जाता है। चाहे त्यौहार हो या कोई धार्मिक कार्य , एक अलग ही पहचान यहाँ देखने को मिलती है

बांदल में विजट महाराज का शांत महायज्ञ पर्व में उमड़ा आस्था का जनसैलाब  , पांच वर्ष बाद आयोजित हुआ पर्व
 
लाल सिंह शर्मा - नोहराधार  08-09-2022
 
जिला सिरमौर का गिरिपार क्षेत्र अपनी अनूठी परंपराओं के लिए जाना जाता है। चाहे त्यौहार हो या कोई धार्मिक कार्य , एक अलग ही पहचान यहाँ देखने को मिलती है। इसी कड़ी में ग्राम पंचायत चोकर के बांदल में स्थित प्राचीन विजट महाराज के मंदिर में शांत महापर्व मनाया गया। गांव की परिस्थिति को देखते हुए यह शांत महापर्व तीन वर्ष बाद मनाया जाता है। मगर इस वर्ष यह पर्व कोरोना महामारी के चलते पांच वर्ष बाद मनाया गया। 
 
 
इस अवसर पर करीब 10 से 12 पंचायतों के सैंकड़ों लोगों ने अपनी उपस्थिति दी तथा यहां पर विजट महाराज का आशीर्वाद लिया। इस शांत महापर्व में विजट महाराज के जयकारों से समूचा क्षेत्र भक्तिमय हो गया। बता दे कि हिमाचल प्रदेश वास्तव में देव भूमि है। जहां पर हर एक क्षेत्र में देवी देवताओं का वास विद्यमान है , जिसमें जिला सिरमौर का गिरिपार क्षेत्र अपनी अनूठी परंपराओं के लिए जाना जाता है। 
 
 
ऐसी परंपरा गुरुवार को बांदल में देखने को मिली जहां मंत्रोचारण व विजट महाराज के जयकारों के साथ वर्षो से चली आ रहा यह शांत महापर्व मनाया गया व विधिविधान के साथ यह तीन दिवसीय पर्व संपन्न हुआ। पारंपरिक वाद्य यंत्रों की धुन पर सैंकड़ो लोगों ने विजट महाराज का गुणगान करते हुए यह रस्म पूरी की। जब देवता के गुर मंदिर की छत पर आए तो पारंपरिक धुन व लिंबर लगाकर उनका स्वागत किया गया। 
 
 
देवता के गुर ने आवाज देकर अलग अलग परगने से आए लोगों को सुख समृद्धि का आशीर्वाद दिया। बता दें कि गुरुवार को बांदल में धार्मिक अनुष्ठान में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। यहां पर यह पर्व तीन दिनों से चला रहा जिसमें देवता, पूजन, देव आगमन, अंगेठी पूजन, काली पूजन हुआ। जबकि गुरुवार को अंतिम दिन मंदिर के छत से विजट देवता ने मंदिर के बाहर उमड़ी श्रद्धालुओं को अपना आशीर्वाद दिया। 
 
 
इस अवसर पर जहां एक दर्जन से अधिक परगनो ने आशीर्वाद लिया वहीं बाहर से आए श्रद्धालुओं ने देवता का आशीर्वाद लिया। बहराल तीन दिनों तक पंडितों द्वारा पूजा पाठ का आयोजन किया गया। दशमी को  शांत महापर्व का आयोजन किया गया। 
 
 
विजट महाराज के गणिका गुर पृथ्वी सिंह पुंडीर , सुदर्शन पुंडीर व अशोक पुंडीर ने बताया कि यह मंदिर कई वर्ष पुराना है जिसे प्राचीन शैली के अलावा अद्भुत काष्ठ कला से सुशोभित है। इस अवसर पर शांत महापर्व में बाहर से आए श्रद्धालुओं के लिए विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया। जिसमें लोगों ने प्रसाद के रूप में भंडारे को लिया।