बाहर होंगे शिक्षा खंडों में कार्यरत 472 बीआरसीसी , सभी एजुकेशन ब्लॉक्स में होंगी नई तैनाती  

हिमाचल प्रदेश प्रारंभिक शिक्षा विभाग के तहत विभिन्न शिक्षा खंडों में सालों से सेवाएं दे रहे खंड शिक्षा स्रोत समन्वयक (बीआरसीसी) को अब बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। प्रदेश सरकार ने प्रदेश के सभी शिक्षा खंडों में बीआरसीसी की नई नियुक्तियां करने के निर्देश दिए

बाहर होंगे शिक्षा खंडों में कार्यरत 472 बीआरसीसी , सभी एजुकेशन ब्लॉक्स में होंगी नई तैनाती  
 
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  30-04-2023
 
हिमाचल प्रदेश प्रारंभिक शिक्षा विभाग के तहत विभिन्न शिक्षा खंडों में सालों से सेवाएं दे रहे खंड शिक्षा स्रोत समन्वयक (बीआरसीसी) को अब बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। प्रदेश सरकार ने प्रदेश के सभी शिक्षा खंडों में बीआरसीसी की नई नियुक्तियां करने के निर्देश दिए हैं। इन आदेशों का पालन करते हुए प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने सभी जिलों के प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशकों को बीआरसीसी की भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए हैं। 
 
 
बीआरसीसी की भर्तियों को लेकर शेड्यूल भी जारी कर दिया गया है। पूर्व निर्धारित शेड्यूल के तहत एक मई से लेकर 10 मई तक बीआरसीसी के पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे। इन आवेदन पत्रों की छंटनी के बाद 15 मई को साक्षात्कार का आयोजन किया जाएगा। पात्र शिक्षकों की बीआरसीसी के पदों पर चयन होने की सूची 20 मई 2023 तक शिक्षा निदेशालय शिमला भेजनी होगी। बीआरसीसी की नियुक्तियां अधिकतम तीन वर्ष के लिए की जाती रही हैं। शुरू-शुरू में तीन साल के बाद बीआरसीसी बदलते रहे , लेकिन अब एक लंबा अरसा बीत चुका है। प्रदेश में करीब 236 शिक्षा ब्लॉक हैं। 
 
 
प्रत्येक शिक्षा खंड में एक प्राइमरी और एक अपर विंग में खंड शिक्षा स्रोत समन्वयक नियुक्त किए गए हैं। कुल मिलाकर प्रदेश में 472 बीआरसीसी नियुक्त हैं। प्राइमरी विंग में जेबीटी शिक्षक को खंड शिक्षा स्रोत समन्वयक, जबकि अपर प्राइमरी में टीजीटी शिक्षक को खंड शिक्षा स्रोत समन्वयक के पद पर नियुक्त किया जाता है, लेकिन कई जेबीटी शिक्षक वर्तमान में हेड टीचर और मुख्य केंद्रीय शिक्षक के पद पर पदोन्नत होने के बावजूद बीआरसी के पदों पर सेवाएं दे रहे हैं। 
 
 
जबकि प्रदेश के सैकड़ों स्कूलों में शिक्षकों की कमी चल रही है। कई स्कूलों में शिक्षकों की पर्याप्त संख्या न होने के चलते वहां पर शिक्षण कार्य और गैर शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहे हैं। इसका सीधा असर विद्यार्थियों की संख्या पर पड़ रहा है। विद्यार्थियों की संख्या आए दिन सरकारी स्कूलों में कम होती जा रही है।