मुख्यमंत्री जी ! यह पब्लिक है सब जानती है, हिमाचल में नहीं चलेगा मुक्तखोरी का मॉडल : विक्रमादित्य सिंह

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा प्रदेश में बिजली और पानी मुफ्त करने और महिलाओं को बसों में 50 फीसदी किराया करने की घोषणा के बाद कांग्रेस लगातार सरकार पर हमलावर हो गई है

मुख्यमंत्री जी ! यह पब्लिक है सब जानती है, हिमाचल में नहीं चलेगा मुक्तखोरी का मॉडल : विक्रमादित्य सिंह


यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  16-04-2022


हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा प्रदेश में बिजली और पानी मुफ्त करने और महिलाओं को बसों में 50 फीसदी किराया करने की घोषणा के बाद कांग्रेस लगातार सरकार पर हमलावर हो गई है। कांग्रेस के युवा विधायक विक्रमादित्य सिंह ने इसको लेकर निशाना पर निशाना साधा है और इन गौतम को सस्ते घोषणाओं को सस्ती लोकप्रियता हासिल करना करार दिया है। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री हताश और परेशान है और सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए इस तरह की घोषणाएं कर रहे हैं जिसका वास्तविकता से कोई लेना देना नहीं है।

 

हिमाचल दिवस पर मुख्यमंत्री ने जो घोषणा की है वह सरकार के पहले साल में करते और उन घोषणाओं को पूरा करने के लिए वित्तीय प्रबंधन करवाते उसका निश्चित तौर पर वे सराहना भी करते और समर्थन नहीं करते और इस फैसले का स्वागत भी करते। लेकिन यह केवल चुनावी पैंतरे हैं और सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि  डबल इंजन की सरकार जैसे ही पूरी तरह से फेल हो चुकी है। प्रदेश में  69 नेशनल हाईवे बनने थे और मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट मंडी में बनना था वह शुरू नहीं हुआ और जो बड़े वादे रोजगार देने और कर्मचारियों से संबंधित किए थे वह घोषणा पूरी नहीं कर पाए तो एक नया पैंतरा लोगों के बीच लेकर आए हैं। पहले जहां मुख्यमंत्री कह रहे थे कि प्रदेश में हिमाचल का ही मॉडल चलेगा और बाहर से कोई मॉडल नहीं चलेगा लेकिन अब जो बाहर से आकर मुफ्तखोरी की राजनीति को बात कर रहे उस मॉडल पर हिमाचल के मुख्यमंत्री चल पड़े हैं।

 

चाहे बिजली मुफ्त देने की बात हो, पहले मुख्यमंत्री ने  65 यूनिट मुक्त किया था अब 125 यूनिट किया है वैसे ही महिलाओं को बसों की छूट दी है इनका कोई औचित्य नहीं है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर बिंना बजट के घोषणाएं कर रहे है। जिसका सीधा बोझ लोगों पर बोझ डाल रहे हैं घोषणा कर रहे है है इसका पैसा कोई भाजपा कार्यालय से नहीं आएगा बल्कि लोगों के टैक्स से ही निकाला जाएगा। एक तरफ परिवहन निगम के पास तनख्वाह देने के लिए कर्मचारियों के लिए पैसा नहीं है गाड़ियों की मरम्मत के लिए पैसे नहीं है ऊपर से इतना बड़ा वित्तीय संकट प्रदेश सरकार ने निगम पर डाल दिया है। उन्होंने कहा कि जो घोषणा की है उसके लिए पैसा कहां से आएगा और खर्चे कैसे पूरे होंगे इसका स्पष्टीकरण सरकार को देना चाहिए और उसको लिए श्वेत पत्र भी जारी किया जाना चाहिए ।

 

प्रदेश सरकार को मुफ्त बांटने के बजाय प्रदेश की आर्थिकी को मजबूत करना चाहिए परदेस पर पहले ही 60 हजार से ज्यादा 60 हजार करोड़ से ज्यादा का कर्ज है और 25 से 30 हजार करोड़ का कार्य सरकार ले चुकी है ऐसे में सरकार को सभी चीजों को ध्यान में रखकर ही घोषणा ही करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अंधेर नगरी चौपट राजा जैसे हालात हैं जो घोषणा ही तो कर रहे हैं लेकिन पूरी नहीं होने वाली है। और इस तरह से और इस तरह की घोषणा करके प्रदेश की जनता का दिन नहीं जीता जा सकता है।