राष्ट्र की महत्वाकांक्षी रेणुका बांध परियोजना का निर्माण कार्य जल्द होगा शुरू, केंद्र को भेजा पत्र
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 06-08-2021
ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने बताया कि राष्ट्र की महत्वाकांक्षी रेणुका बांध परियोजना का निर्माण कार्य जल्द शुरू होगा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की ओर से इस बाबत केंद्र सरकार को पत्र लिखा गया है। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की स्वीकृति का इंतजार है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली समिति से स्वीकृति मिलते ही कार्य शुरू होगा। विधायक विनय कुमार के सवाल का जवाब देते हुए ऊर्जा मंत्री ने कहा कि 6946 करोड़ की रेणुका बांध परियोजना को टेक्नो इकॉनमिक क्लीयरेंस मिल चुकी है। कोर्ट जाने वाले लोगों को मुआवजा राशि भी जारी की जा रही है।
हिमाचल सहित उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली की इस परियोजना में हिस्सेदारी है। पावर कारपोरेशन इसका काम देख रही है। 1294 लोग अभी मुआवजा लेने नहीं आए हैं। अगर ये लोग नहीं आते हैं तो अन्य को मुआवजा राशि जारी की जाएगी।
परियोजना से 7635 लोग विस्थापित हुए हैं। करीब छह हजार लोगों को मुआवजा दे दिया गया है। मामला कोर्ट में जाने के बाद कोर्ट ने सात लाख रुपये की मुआवजा राशि तय की है। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि लोगों को मुआवजा राशि लेने के लिए कोर्ट न जाना पड़े, इस पर विचार किया जाएगा।
ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने बताया कि प्रदेश में बिजली का नया कनेक्शन लेने पर मीटर की कीमत उपभोक्ताओं से नहीं ली जाती है। मीटर का केवल मासिक किराया ही लिया जाता है।
प्रश्नकाल में विधायक रमेश धवाला के सवाल का जवाब देते हुए ऊर्जा मंत्री ने बताया कि मीटर की कीमत पूरी होने पर मासिक किराया बंद करने का विद्युत नियामक आयोग से जारी आदेशों में कोई भी प्रावधान नहीं है। प्रदेश में 150 पद अधिशासी अभियंता, 49 पद अधीक्षण अभियंता और 12 पद मुख्य अभियंता के भरे हुए हैं।
धौलासिद्ध परियोजना में करीब 500 स्थानीय युवाओं को प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से रोजगार मिलने की संभावना है। विधायक सुखविंद्र सिंह सुक्खू के सवाल का लिखित जवाब देते हुए ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने बताया कि परियोजना के सिविल व हाइड्रो मेकेनिकल के निर्माण कार्यों को मई 2021 में अवार्ड किया गया है।
डायवरजन टनल, बांध के निर्माण तथा आधारभूत संरचना संबंधी कार्य शुरू कर दिए गए हैं। परियोजना के निर्माण के लिए अभी तक कुल 2063 भू मालिकों से जमीन खरीदी जा चुकी है। इस परियोजना से 66 मेगावाट बिजली पैदा होगी। प्रतिवर्ष 304 मिलियन यूनिट बिजली पैदा होने का अनुमान है।