रेहड़ी फड़ी तयबजारी यूनियन का सम्मेलन किसान मजदूर भवन कैथू शिमला में संपन्न
रेहड़ी फड़ी तयबजारी यूनियन शिमला सम्बन्धित सीटू का सम्मेलन किसान मजदूर भवन चिटकारा पार्क कैथू शिमला में सम्पन्न हुआ। सम्मेलन में 15 सदस्यीय कमेटी का गठन किया
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 18-07-2022
रेहड़ी फड़ी तयबजारी यूनियन शिमला सम्बन्धित सीटू का सम्मेलन किसान मजदूर भवन चिटकारा पार्क कैथू शिमला में सम्पन्न हुआ। सम्मेलन में 15 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया। सुरेंद्र बिट्टू को अध्यक्ष,राकेश कुमार सल्लू को महासचिव,नरेश कुमार को वित्त सचिव,दर्शन को उपाध्यक्ष,शब्बू आलम को सचिव तथा ज्ञान,बसन्त,श्याम लाल,विष्णु,राम शंकर,परस राम,मनोज,तबारसु राम,विमल,महक सिंह व इंद्र को कमेटी सदस्य चुना गया।
सम्मेलन का उद्घाटन सीटू जिलाध्यक्ष कुलदीप डोगरा ने किया। सम्मेलन को सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा,जिला महासचिव अजय दुलटा,बालक राम,हिमी देवी व रामप्रकाश ने सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार लगातार मजदूरों के कानूनों पर हमले कर रही है।
इसी कड़ी में मोदी सरकार ने मजदूरों के चबालिस कानूनों को खत्म करके चार लेबर कोड बनाने,सार्वजनिक क्षेत्र के विनिवेश व निजीकरण के निर्णय लिए हैं। उन्होंने ओल्ड पेंशन स्कीम बहाली,आउटसोर्स नीति बनाने,स्कीम वर्करज़ को नियमित कर्मचारी घोषित करने,मनरेगा मजदूरों के लिए 350 रुपये दिहाड़ी लागू करने आदि विषयों पर केंद्र व प्रदेश सरकार की मज़दूर व कर्मचारी विरोधी नीतियों की कड़ी आलोचना की है।
सरकार फैक्टरी मजदूरों के लिए बारह घण्टे के काम करने का आदेश जारी करके उन्हें बंधुआ मजदूर बनाने की कोशिश कर रही है। आंगनबाड़ी,आशा व मिड डे मील योजनकर्मियों के निजीकरण की साज़िश की जा रही है। उन्हें वर्ष 2013 के पैंतालीसवें भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिश अनुसार नियमित कर्मचारी घोषित नहीं किया जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा 26 अक्तूबर 2016 को समान कार्य के लिए समान वेतन के आदेश को आउटसोर्स,ठेका,दिहाड़ीदार मजदूरों के लिए लागू नहीं किया जा रहा है। केंद्र व राज्य के मजदूरों को एक समान वेतन नहीं दिया जा रहा है।
हिमाचल प्रदेश के मजदूरों के वेतन को महंगाई व उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के साथ नहीं जोड़ा जा रहा है। सातवें वेतन आयोग व 1957 में हुए पन्द्रहवें श्रम सम्मेलन की सिफारिश अनुसार उन्हें इक्कीस हज़ार रुपये वेतन नहीं दिया जा रहा है।