यंगवार्ता न्यूज़ - सोलन 17-11-2020
जलशक्ति मंत्रालय की ओर से हिमाचल के सोलन जिले की सौर पंचायत को पानी के बेहतर उपयोग और संग्रहण के लिए उत्तर भारत में तीसरे स्थान पर आंका है। पहले स्थान पर उत्तराखंड की रुद्रप्रयाग पंचायत और दूसरे स्थान पर छत्तीसगढ़ की रामपुर पंचायत रही है। देशभर में लाखों पंचायतें है लेकिन, राष्ट्रीय स्तर पर केवल 15 पंचायतों को ही नेशनल वाटर अवार्ड मिलता है।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और जल शक्ति मंत्री गजेंद्र शेखावत ने पंचायत की प्रधान लक्ष्मी शर्मा को प्रशस्ति पत्र और नकद पुरस्कार देने की घोषणा की है। ऑनलाइन हुए इस कार्यक्रम में हिमाचल प्रदेश की यह पहली पंचायत है, जिसे यह पुरस्कार मिला है।
पंचायत प्रधान लक्ष्मी शर्मा दूसरी बार इस पंचायत की प्रधान बनी हैं। पहले कार्यकाल में वर्ष 2008 में यह पंचायत संपूर्ण स्वच्छता अभियान के तहत प्रदेश भर में अव्वल रही तथा हरियाणा के हिसार में पंचायत को तत्कालीन राष्ट्रपति ने पुरस्कार देकर सम्मानित किया था।
इसके अलावा मनरेगा मे बेहतर कार्य करने के लिए भी इस पंचायत को हर वर्ष ब्लॅाक स्तर पर सम्मानित किया जाता है। वर्ष 2016 में लक्ष्मी शर्मा दोबारा पंचायत प्रधान बनीं। इसके बाद लक्ष्मी शर्मा ने पूरी पंचायत में मनरेगा के तहत किसानों के खेत तैयार कराए।
पूरी पंचायत में सिंचाई व्यवस्था के लिए 85 टैंक तैयार कराए। एक दर्जन से अधिक तालाब और इतनी ही कूहलें बनाईं। हर किसान को सिंचाई सुविधा से जोड़ा गया। जिला उपायुक्त कार्यालय से इस पंचायत में मनरेगा के तहत हुए कार्यों को लेकर एक डॉक्यूमेंट्री (लघु फिल्म) बनाई गई।
इसे केंद्र सरकार के जल संसाधन विकास मंत्रालय को भेजा गया। इसके बाद यहां पर केंद्र से प्रशासनिक अधिकारी की देखरेख में एक टीम आई, जिसने पूरी पंचायत में हुए विकास कार्यों की लघु फिल्म तैयार की। इसी आधार पर सौर पंचायत को यह पुरस्कार मिला है। प्रोजेक्ट अधिकारी राज कुमार ने इसे हिमाचल के लिए बड़ी उपलब्धि बताया।