शिरगुल की जन्म स्थली शाया मंदिर में साजी पर उमड़ा भक्तों का हुजूम 

क्षेत्र के प्रसिद्व देव अराध्य शिरगुल देवता की जन्मस्थली शाया मे आज साजी के पावन अवसर पर लगभग 15 हजार लोगो ने मंदिर पहुंच कर देव दर्शन किये व देवता महाराज का आर्शीवाद ग्रहण किया।

शिरगुल की जन्म स्थली शाया मंदिर में साजी पर उमड़ा भक्तों का हुजूम 

आज हजारो भक्तो ने किये अपने आराध्य देव के दर्शन


यंगवार्ता न्यूज़ - राजगढ़   05-11-2021


क्षेत्र के प्रसिद्व देव अराध्य शिरगुल देवता की जन्मस्थली शाया मे आज साजी के पावन अवसर पर लगभग 15 हजार लोगो ने मंदिर पहुंच कर देव दर्शन किये व देवता महाराज का आर्शीवाद ग्रहण किया।

वैसे तो वर्ष की चारो साजियो में शिरगुल देवता को मानने वाले लोगो की खासी भीड़ शाया मंदिर में  रहती है, लेकिन दीपावली के बाद पड़ने वाली बडी साजी जिसे पड़ेई  का साजा भी कहा जाता है को यहा भीड कई गुणा बढ़ जाती है।

शिरगुल देवता के मन्दिर में अखरोट व चावल चढाये जाते है यहा काबिल जिक्र है कि आज के दिन यहा सिंदूर का टीका नही बल्कि चावल का टीका ही भक्तों को लगाया जाता है व प्रसाद के रूप मे भी चावल ही दिये जाते है।

आधुनिक समय में पैसे चढ़ाने का प्रचलन बड़ा है और विशेष दिनों में लाखों का चढ़ावा शाया मंदिर में चढता है। इस विशेष दिन में देवता की मूर्ती को मंदिर से बाहर लाकर क्षेत्र के शावगा की रेहणीयो अर्थात विवाहित स्त्रियों को देवता महाराज के दर्शन कराये जाते है , क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि शावगा गांव की विवाहिताओ के मंदिर मे दर्शन करने की अनुमति नही है।

इस लिए साल मे एक बार आज के दिन ही वे देव दर्शन कर पाती है। मंदिर कमेटी कोषाध्यक्ष शेरजंग चौहान ने बताया कि इस वर्ष भी पड़ेई के अवसर पर लगभग 15 हजार लोगो ने शाया मन्दिर में दर्शन किये व परम्परा अनुसार चावल और अखरोट शिरगुल देवता को भेंट कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। मंदिर परिसर मे भक्तों के  लिए भंडारे का भी आयोजन किया गया था जिसमे हजारों भक्तों ने भंडारे का प्रसाद ग्रहण किया।