संतान प्राप्ति की चाह में माता सिमसा मंदिर में सोई महिलाओं को घर भेजने पर भड़के परिजन, दो गुटों में विवाद 

हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी के लडभड़ोल स्थित संतान दात्री माता सिमसा के मंदिर में 2 गुटों में अचानक विवाद हो गया। मंदिर कमेटी ने संतान की चाह में सपना देखने के लिए सोई महिलाओं को नवरात्रि खत्म होने पर कोई स्वप्न न आने पर मंदिर छोड़ने के आदेश

संतान प्राप्ति की चाह में माता सिमसा मंदिर में सोई महिलाओं को घर भेजने पर भड़के परिजन, दो गुटों में विवाद 

यंगवार्ता न्यूज़ - मंडी     01-04-2023

हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी के लडभड़ोल स्थित संतान दात्री माता सिमसा के मंदिर में 2 गुटों में अचानक विवाद हो गया। मंदिर कमेटी ने संतान की चाह में सपना देखने के लिए सोई महिलाओं को नवरात्रि खत्म होने पर कोई स्वप्न न आने पर मंदिर छोड़ने के आदेश दे दिए। इससे महिलाओं के परिजन और ग्रामीण भड़क गए। 

मामला ध्यान में आते ही स्थानीय पंचायत प्रधान, युवक मंडल के सदस्य और ग्रामीण मंदिर पहुंचे और महिलाओं को सोने की इजाजत देने की मांग उठाई। साथ ही मंदिर के सरकारीकरण को लेकर भी मोर्चा खोला। मामला शांत करने के लिए स्थानीय पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। पुलिस की मौजूदगी में दोनों पक्षों की बातचीत की गई। 

बता दें कि चैत्र नवरात्रि में संतान प्राप्ति की चाह लेकर कुल 1271 महिलाएं माता सिमसा मंदिर में सोई थीं, जिनमें से 1069 महिलाओं को संतान होने का स्वप्न आया, लेकिन स्वप्न से महरूम 202 महिलाएं मंदिर में अभी भी सोई हुई हैं, जिन्हें मंदिर कमेटी ने घर जाने का फरमान सुनाया। यह मामला संज्ञान में आते ही पंचायत प्रधान विवेक जसवाल और युवक मंडल सदस्यों सहित अन्य ग्रामीण मंदिर पहुंच गए। 

लगभग 2 घंटे तक मंदिर में वाद विवाद चलता रहा, लेकिन मामला बढ़ता देख मंदिर कमेटी को महिलाओं को सोने की इजाजत देनी पड़ी, तब जाकर मामला शांत हुआ। स्थानीय पंचायत ने इस बाबत उपमंडल प्रशासन को एक ज्ञापन भी सौंपा है, जिसमे मंदिर के दान पात्र एसडीएम की मौजूदगी में खोले जाने की मांग की गई है। 

इसके लिए शीघ्र ही प्रशासन की टीम मंदिर का दौरा करके दान पात्र खोल कर नवरात्रि में मंदिर में चढ़ावे की राशि को सार्वजनिक करेगी। पंचायत प्रधान विवेक जसवाल सहित युवक मंडल और महिला मंडलों ने माता के मंदिर के सरकारीकरण की मांग उठाई है। प्रधान विवेक जसवाल ने कहा कि पूर्व सरकार के समय में भी यह मांग उठाई गई थी, लेकिन सरकार ने इस पर कोई गौर नहीं किया। 

ऐसे में अब पंचायत ने मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार गोकुल बुटेल से मिलकर यह मामला उठाने की योजना बनाई है। मंदिर सरकार के अधीन होने से यहां बेहतर व्यवस्था श्रद्धालुओं को मुहैया करवाई जाएगी। मंदिर कमेटी के अध्यक्ष विनोद कुमार ने कहा कि मंदिर कमेटी सरकारीकरण के लिए तैयार है। सोच विचार कर सरकारीकरण को लेकर फैसला लेंगे। मंदिर में सभी व्यवस्थाएं बेहतर हैं। 

मंदिर कमेटी पर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद और निराधार हैं। तहसीलदार मेघना गोस्वामी ने कहा कि मंदिर में 2 पक्षों में वाद विवाद होने का मामला सामने आया है। शीघ्र ही प्रशासन की टीम मंदिर का दौरा करके नियमानुसार कार्रवाई करेगी।