सीपीएस नियुक्ति को लेकर कोर्ट जाएगी भाजपा, असम, मणिपुर और दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट ने हटाए थे सीपीएस : जयराम
भाजपा के नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि यह प्रदेश में पहली बार है की हिमाचल प्रदेश में एक मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री बनाए गए। कांग्रेस सरकार ने पहले तो हिमाचल प्रदेश में डी नोटिफिकेशन एक्सप्रेस निकली जिसमें 1952 में सुंदर नगर की एक पोस्ट भी बंद कर दी गई
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 09-01-2023
भाजपा के नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि यह प्रदेश में पहली बार है की हिमाचल प्रदेश में एक मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री बनाए गए। कांग्रेस सरकार ने पहले तो हिमाचल प्रदेश में डी नोटिफिकेशन एक्सप्रेस निकली जिसमें 1952 में सुंदर नगर की एक पोस्ट भी बंद कर दी गई , यह केवल सरकार का बंद करने का जुनून था और कुछ नही।
हमारे प्रदेश में सब कुछ बंद हुआ इंडस्ट्री बंद हुई फिर सीमेंट प्लांट बंद हो गए , पर सीमेंट के मुद्दे को सुलझाने की हिमाचल प्रदेश सरकार ने कोई कोशिश नहीं की। इसके लिए हिमाचल प्रदेश सरकार को एक कमेटी का गठन भी करना चाहिए और सीमेंट कंपनी वालों से लगातार बातचीत भी करनी चाहिए। ऐसा लगता है कि हिमाचल प्रदेश सरकार को किसी भी समस्या का समाधान निकालने का निश्चय नहीं है।
कांग्रेस पार्टी ने हिमाचल में शिमला से 5 मंत्री बनाए , कांगड़ा से 1 और किन्नौर से 1 मंत्री बनाया , यह हिमाचल का क्षेत्रीय संतुलन बिगड़ता है। मंडी , लाहौल स्पीति और बिलासपुर जिले से ना तो कांग्रेस ने मंत्री बनाए ना सीपीएस। जयराम ने कहा की हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी ने आनन-फानन में मंत्रिमंडल का गठन किया और यह गठन संसदीय क्षेत्र और जातीय दृष्टि से असंतुलित है।
उन्होंने कहा कि सीपीएस और मंत्रियों की दृष्टि से कांगड़ा को पूरी तरह से दर किनारे किया गया है। 6 सीपीएस सरकार ने क्यों बनाये और इनकी क्या जरूरत आन पड़ी है। यह जनता की समझ नहीं आ रहा है।
सीपीएस बनाने से हिमाचल प्रदेश पर आर्थिक बोझ बढ़ा है क्योंकि उनको एक प्रोटोकॉल भी देना पड़ेगा , अनेकों दफ्तर और मंत्री के दर्जे की सुविधाएं भी देनी पड़ेगी।
पूर्व सीएम ने बताया कि आसाम, मणिपुर और दिल्ली सरकार सीपीएस बनाये थे, जहां सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने सीपीएस के विरोध में फैसला सुनाया था और आर्टिकल 164 / 1ए के आधार पर साफ लिखा है कि सीपीएस की नियुक्ति गलत है और जिस प्रकार से एक निर्धारित संख्या मंत्रियों के लिए आधारित की गई है, उसकी स्पिरिट को हानि पहुंचाता है।
हमने जब अपनी सरकार 5 साल के लिए चलाई तो हमने एक भी सीपीएस नहीं बनाया यह हमने नैतिकता की दृष्टि से निर्णय लिया था। हमें तो लगता है कि मंत्री और सीपीएस की नियुक्ति केवल कांग्रेस ने अपनी सरकार को बचाने के लिए की है, प्रदेश हित की कांग्रेस पार्टी को कोई चिंता नहीं है।
नवंबर 2021 में जब हिमाचल प्रदेश में भाजपा की सरकार विराजमान थी तो पेट्रोल के 12 रुपए और डीजल में 17 रुपये की राहत जनता को प्रदान की गई थी। इसमें वैट की दरों को 7.50 से 8 प्रतिशत तक घटाया गया था।
आज कांग्रेस पार्टी ने सत्ता संभालते ही डीजल में वैट बढ़कर इसे 3.01 रुपए महंगा कर दिया है। अब हिमाचल में डीजल 86 रुपए से ऊपर मिलेगा। इससे आम जनता पर महंगाई का बोझ पड़ेगा।