सभी शिक्षण संस्थानों के प्रवेश एवं निकासी द्वार पर थर्मल स्केनिंग और  सेनिटाइज़र अनिवार्य : उपायुक्त

सभी शिक्षण संस्थानों के प्रवेश एवं निकासी द्वार पर थर्मल स्केनिंग और   सेनिटाइज़र अनिवार्य : उपायुक्त

 यंगवार्ता न्यूज़ - सोलन  06-02-2021

जिला दण्डाधिकारी सोलन केसी चमन ने प्रदेश सरकार द्वारा 15 फरवरी, 2021 से विभिन्न महाविद्यालयों, विद्यालयों तथा शिक्षण संस्थानों को खोलने के निर्णय के दृष्टिगत कोविड-19 महामारी से बचाव के लिए आवश्यक आदेश जारी किए हैं।

जिला दण्डाधिकारी द्वारा जारी आदेशों के अनुसार सोलन जिला में कोविड-19 महामारी से बचाव के दृष्टिगत सभी शिक्षण संस्थानों में छात्रों, विद्यालय कर्मियों एवं आगंतुकों के लिए मास्क पहनना तथा निर्धारित सोशल डिस्टेन्सिग नियम का पालन करना आवश्यक होगा।

सभी शिक्षण संस्थानों के प्रत्येक प्रवेश एवं निकासी द्वार पर थर्मल स्केनंग तथा हैण्ड वाॅश अथवा सेनिटाईजर का प्रयोग भी अनिवार्य होगा। आदेशों में स्पष्ट किया गया है कि शिक्षण संस्थानों में अपना कार्यभार सम्भालने से पूर्व सभी अध्यापन एवं गैर अध्यापन कर्मियों के लिए कोविड-19 परीक्षण करवाना अनिवार्य है।

इन आदेशों के अनुसार कोई व्यक्ति अथवा अध्यापन कर्मी जिसका कोविड-19 संक्रमण के लिए विद्यालय में प्रवेश से कम से कम एक सप्ताह पूर्व तक आरटी-पीसीआर परीक्षण, ट्रू नैट अथवा सीबी-एनएएटी परीक्षण नेगेटिव पाया गया हो, को भी छूट प्रदान की गई है। यह परीक्षण भारतीय चिकित्सा अनुसन्धान परिषद द्वारा मान्यता प्राप्त अथवा स्वीकृत प्रयोगशाला में करवाया गया होना चाहिए। ऐसे सभी व्यक्तियों को आवश्यक एहतियाती उपायों का पालन करना अनिवार्य होगा। 

आदेशों में कहा गया है कि सोलन जिला के ग्रीष्मकालीन विद्यालयों में कार्यरत अध्यापन तथा गैर अध्यापन कर्मियों के लिए 15 दिन के अन्तराल पर कोविड-19 महामारी के लिए रेंडम सैम्पलिंग करवाना अनिवार्य है। जिला दण्डाधिकारी ने निर्देश दिए हैं कि जिला के सभी उमण्डलाधिकारी, उप निदेशक शिक्षा (उच्च एवं प्रारम्भिक) तथा खण्ड शिक्षा अधिकारी इन आदेशों की अनुपालना सुनिश्चिित बनाएंगे और परीक्षण सैम्पलिंग के लिए अपनी रिपोर्ट दैनिक आधार पर जिला दण्डाधिकारी को प्रेषित करेंगे। 

आदेशों में स्पष्ट किया गया है कि सभी शिक्षण संस्थानों को कोविड-19 महामारी से बचाव के सम्बन्ध में प्रदेश सरकार द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों एवं मानक परिचालन प्रक्रिया का पालन करना होगा। इस आदेश की अवहेलना पर भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188, 269, 270 के साथ-साथ अन्य विधि सम्मत प्रावधानों के अनुरूप दण्डनीय कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।