सीमेंट कंपनियों को उद्योग विभाग ने भेजे नोटिस पूछा बिना सरकार की अनुमति के कैसे बढ़ाये रेट  

सीमेंट कंपनियों को उद्योग विभाग ने भेजे नोटिस पूछा बिना सरकार की अनुमति के कैसे बढ़ाये रेट  

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  14-10-2020

हिमाचल प्रदेश सरकार ने सीमेंट के मनमाने रेट वसूलने के मामले को गंभीरता से लिया है। कोरोना संकट के दौरान कंपनियों ने सीमेंट का मूल्य दो बार बढ़ाया। इस तरह की मूल्य वृद्धि को देखते हुए उद्योग विभाग की ओर से प्रदेश की तीनों सीमेंट कंपनियों को मेल के साथ-साथ लिखित नोटिस के तहत पूछा है।

सीमेंट के प्रति बैग दस रुपये क्यों बढ़ाए और मूल्य बढ़ाने के पीछे क्या कारण है। अंबूजा, एसीसी व अल्ट्राटेक कंपनियों की ओर से जवाब आने के बाद तीनों कंपनियों के प्रतिनिधियों को कार्यालय भी बुलाया जाएगा। कोरोना काल के दौरान सीमेंट कंपनियों ने दस-दस रुपये मूल्य बढ़ाकर प्रदेश के लोगों पर अनावश्यक बोझ डाला है।

प्रदेश के लोग इस बात को लेकर हैरान हैं कि सीमेंट प्रदेश में तैयार होता है और यहां पर महंगा बिकता है। जबकि पड़ोसी राज्‍य पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और जम्मू में सस्ता है। सीमेंट यहीं से इन राज्यों में बिकने के लिए जाता है। अंबूजा का सीमेंट प्लांट दाड़लाघाट में है, एसीसी का प्लांट बरमाणा में और अल्ट्राटेक का बागा-बघेरी में है।

 सरकार बिना किसी ठोस कारण के सीमेंट कंपनियों द्वारा प्रदेश में सीमेंट के दाम बढ़ाने पर रोक लगाने का रास्ता खोज रही है। सीमेंट कंपनियों के प्लांट और खनन क्षेत्र में निरीक्षण की व्यवस्था हो सकती है। अभी आरंभिक स्तर पर ऐसा सोचा जा रहा है कि क्यों न एक कमेटी का गठन किया जाए।

जिसमें भारत सरकार के केंद्रीय खनन बोर्ड, गाजियाबाद का ब्लास्टिंग खनन सुरक्षा अथारिटी, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, उद्योग विभाग का खनन विंग, वन विभाग, श्रम एवं रोजगार विभाग और जिला प्रशासन के एक-एक प्रतिनिधि शामिल किए जाएं। ऐसा करने से सीमेंट कंपनियों की मनमानी रुकेगी।

 सरकार बिना किसी ठोस कारण के सीमेंट कंपनियों द्वारा प्रदेश में सीमेंट के दाम बढ़ाने पर रोक लगाने का रास्ता खोज रही है। सीमेंट कंपनियों के प्लांट और खनन क्षेत्र में निरीक्षण की व्यवस्था हो सकती है। अभी आरंभिक स्तर पर ऐसा सोचा जा रहा है कि क्यों न एक कमेटी का गठन किया जाए।

जिसमें भारत सरकार के केंद्रीय खनन बोर्ड, गाजियाबाद का ब्लास्टिंग खनन सुरक्षा अथारिटी, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, उद्योग विभाग का खनन विंग, वन विभाग, श्रम एवं रोजगार विभाग और जिला प्रशासन के एक-एक प्रतिनिधि शामिल किए जाएं। ऐसा करने से सीमेंट कंपनियों की मनमानी रुकेगी।

अतिरिक्त नियंत्रक स्टोर सुनीता कापटा का कहना है हमारी ओर से तुरंत तीनों सीमेंट कंपनियों को मेल भेज दी गई है। पिछले महीने भी सीमेंट का मूल्य बढ़ाने को लेकर कंपनियों के साथ बैठक हुई थी। बहुत कम समय के भीतर सीमेंट का मूल्य बढ़ाया गया है।