सौर सिंचाई योजना ने बदली प्रदेश के गरीब किसानों की तकदीर

भारत एक कृषि प्रधान देश है और कृषि हमारे देश की अर्थव्यवस्था की नींव है। लेकिन कई चुनौतियों से भरा व्यवसाय भी है। जिनमें पानी की समस्या, गर्मियों में बिजली की कटौती, बेसहारा पशुओं तथा जंगली जानवरों जैसी समस्याओं के साथ-साथ लोगों विशेषकर युवा पीढ़ी का इस व्यवसाय से विमुख होना सबसे बड़ी समस्या

सौर सिंचाई योजना ने बदली प्रदेश के गरीब किसानों की तकदीर

यंगवार्ता न्यूज़ - धर्मशाला     16-02-2023

भारत एक कृषि प्रधान देश है और कृषि हमारे देश की अर्थव्यवस्था की नींव है। लेकिन कई चुनौतियों से भरा व्यवसाय भी है। जिनमें पानी की समस्या, गर्मियों में बिजली की कटौती, बेसहारा पशुओं तथा जंगली जानवरों जैसी समस्याओं के साथ-साथ लोगों विशेषकर युवा पीढ़ी का इस व्यवसाय से विमुख होना सबसे बड़ी समस्या है। 

हमारे देश में जिस तरह की फसलें बोई जाती हैं उनमें मौसम विशेषकर पानी पर निर्भरता सबसे महत्वपूर्ण है। हिमाचल प्रदेश में भी कृषि क्षेत्र अधिकतर वर्षा पर निर्भर रहता है। किसानों की इस निर्भरता को समाप्त करने के लिए कृषि विभाग की योजनाएं तथा प्रयास कई मायनों में आर्थिकी को सुदृढ़ बनाने में काफी कारगर साबित हुए हैं। 

ज़िला कांगड़ा के फतेहपुर उपमण्डल के तहत रियाली पंचायत में जहां लोग पानी की कमी के कारण सारा साल बारिश पर निर्भर रहते थे। विशेषकर भयंकर गर्मी के दिनों में उन्हें अपने मवेशियों के साथ-साथ खेतीबाड़ी के लिए पानी की समस्या के कारण होने वाली चिंता की लकीरें उनके माथे पर साफ झलकती थी। 
    
कृषि विभाग द्वारा यहां के किसानों की मौसम और बारिश पर निर्भरता को समाप्त करने के लिए सौर सिंचाई योजना से जोड़ कर जहां उन्हें चिंतामुक्त किया है वहीं उन्हें आर्थिक तौर पर मजबूत बनाकर उनकी तकदीर बदल दी है। फसलों और सब्जियों से लहलहाते खेत क्षेत्र की खूबसूरती को अपने आप बयां कर रहे हैं।   

भू-संरक्षण विभाग द्वारा फतेहपुर उपमंडल में अब तक सौर सिंचाई योजना के अर्न्तगत खेतों में 106 सोलर ऊर्जा पैनल लगवाकर लोगों को लाभान्वित किया जा चुका है। जिससे जहां किसानों के खेतों तक पानी पंहुच रहा है वहीं बारिश के पानी पर निर्भरता समाप्त होने से उनकी चिंता भी खत्म हुई है। वे जरूरत के अनुसार अपनी खेतीबाड़ी व मवेशियों के लिए पानी को उपयोग में ला रहे हैं। 
   
इस योजना का सबसे बड़ा फायदा है कि सोलर ऊर्जा पैनल में यूएसपीसी (यूनिवर्सल सोलर पंप कन्ट्रोलर) लगाकर जो सौर ऊर्जा पैदा होगी, उससे जहां आटा चक्की, घास काटने की मशीन, फल एवं सब्जी सुखाने की मशीन, मिनी कोल्ड स्टोरेज तथा डीप फ्रीज आदि चलाई जा सकती हैं वहीं इन्वरटर को चार्ज करके घर में बिजली का इस्तेमाल भी किया जा सकता है।

उप मंडलीय भू-संरक्षण अधिकारी, फतेहपुर राकेश पटियाल का कहना है कि सौर सिंचाई योजना के माध्यम से किसानों को सोलर पंप लगाने के लिए 80 से 85 प्रतिशत तक अनुदान प्रदान कर एक से साढे़ चार लाख रूपये तक वित्तीय मदद की जाती है। किसानों को कृषि विभाग की ऐसी योजनाओं से जुड़कर लाभ लेना चाहिए।