सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं को संवेदनशीलता के साथ काम करने की आवश्यकता

बाल अधिकारों के संरक्षण विषय पर फील्ड मशीनरी को और अधिक काम करने की जरूरत है। जिसके लिए गठित बाल संरक्षण समितियों और इससे जुड़ी सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं को पूरी संवेदनशीलता के साथ काम करने की आवश्यकता

सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं को संवेदनशीलता के साथ काम करने की आवश्यकता

यंगवार्ता न्यूज़ - ऊना    13-05-2022

बाल अधिकारों के संरक्षण विषय पर फील्ड मशीनरी को और अधिक काम करने की जरूरत है। जिसके लिए गठित बाल संरक्षण समितियों और इससे जुड़ी सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं को पूरी संवेदनशीलता के साथ काम करने की आवश्यकता है। 

उन्होंने बताया कि वर्तमान में जिला ऊना में 48 आरएलसी कार्यरत हैं, जिनमें से दो डाइट तथा 46 एनजीओज़ के माध्यम से संचालित की जा रही हैं जिनके द्वारा 1765 जरूरतमंद बच्चों को संरक्षण प्रदान किया जा रहा है।

धार्मिक स्थलों, बस अड्डों व रेलवे स्टेशन जैसे हॉटस्पॉट स्थानों पर ऐसे बच्चों की पहचान करने के निर्देश दिये ताकि उनके जीवन में सुधार लाकर मुख्यधारा से जोड़ा जा सके।  

समेकित बाल संरक्षण योजना का उद्देश्य बेसहारा, गलीकूचों, कामकाजी बच्चों, भिक्षावृत्ति में फंसें, कचरा बीनने वाले तथा गुमसुदा बच्चों के लिए पढ़ाई कराने, रहने के लिए घर, खाना इत्यादि मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध करवाना है। 

इसके अतिरिक्त ऐसी कठिन परिस्थितियों में रहने वाले बच्चों के जीवन सुधार के साथ-साथ असुरक्षा का भाव, विपरीत स्थितियों झेलने जैसी उन सभी परिस्थितियों में कमी लाना है जिनकी वजह से बच्चे की उपेक्षा, शोषण और अलगाव की भावनाएं जन्म लेती हैं। 

बैठक में जिला परिषद अध्यक्षा नीलम कुमारी, उपनिदेशक उच्च शिक्षा जनक सिंह व प्रारंभिक शिक्षा देवेन्द्र चंदेल, प्रेमाश्रम से सिस्टर नीलम व नेहा कुमारी, चाइल्ड हेल्पलाइन से कुलवीर सिंह, श्रम निरीक्षक अश्वनी कुमार, चिकित्सा विभाग से शारदा सारसवत, अधीक्षक संप्रेक्षण होम केशव चन्द, चाइल्ड लाइन समन्वयक रीना कुमारी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया।