सोलन के निखिल का उपन्यास कातिलाना इन दिनों चर्चा में
सोलन के युवा लेखक निखिल उप्रेती आजकल अपने लेखन के कारण चर्चा में हैं। निखिल उप्रेती का पहला जासूसी उपन्याय कातिलाना फिलहाल अमेजऩ साइट पर पेपरबैक और किंडल दोनों ही वजऱ्न में उपलब्ध
यंगवार्ता न्यूज़ - सोलन 24-02-2023
सोलन के युवा लेखक निखिल उप्रेती आजकल अपने लेखन के कारण चर्चा में हैं। निखिल उप्रेती का पहला जासूसी उपन्याय कातिलाना फिलहाल अमेजऩ साइट पर पेपरबैक और किंडल दोनों ही वजऱ्न में उपलब्ध है और पाठकों द्वारा बेहद पसंद किया जा रहा है।
लेखन के गुण निखिल उप्रेती को अपने पिता स्वर्गीय चक्रधर उप्रेती से विरासत में मिले हैं। उनके पिता की पुस्तक रेत के बिखरे कण भी काफी चर्चित रही थी। उपन्यास के बारे में जब निखिल उप्रेती से बात की तो उन्होंने बताया कि ये उनका पहला हिंदी उपन्यास " क़ातिलाना " एक जासूसी उपन्यास है जो लेखक के खुद के शब्दों में उन्होंने क्राइम थ्रिलर की मल्लिका अगाथा क्रिस्टी को समर्पित करते हुए लिखा है।
निखिल ने बताया कि क़ातिलाना उपन्यास उन छह दोस्तों की कहानी है जो बरसों बाद एक गुमनाम ई-मेल के द्वारा एक विला में बुलाये जाते हैं। ये सभी दोस्त स्कूल के दिनों से एक दूसरे से परिचित रहे हैं और इन्ही की स्कूल की एक साथी मेघना ने स्कूल के ही दिनों में ख़ुदकुशी कर ली थी।
पर अब कोई है जो ये कह रहा है की वो दरअसल ख़ुदकुशी नहीं बल्कि क़त्ल था। कोई है जो बरसों पुराने ज़ख्म कुरेद रहा है और इसी क़त्ल का पर्दाफाश करने के लिए इन सभी को वहां बुलाया गया है।
ये सभी छह दोस्त उस ई-मेल के अनुसार उस विला में आ तो जाते हैं पर कोई भी वहां से बाहर नहीं जा सकता। फिर एक-एक करके एक गुमनाम क़ातिल इन सभी को मौत के घाट उतारते हुए मेघना की मौत का बदला लेता है।
लेखक निखिल उप्रेती ने इस उपन्यास में एक ऐसा तारतम्य बनाया है की पढऩे वाला अंत तक बंधा रह जाता है। हर एक किरदार का बखूबी चरित्रचित्रण किया गया है। एक बंद जगह पर छह लोगों के पीछे एक क़ातिल कैसे मौत बन के खड़ा है, ये खुद में ही एक सनसनी सी बन कर इस उपन्यास के हर पन्ने पर उभर कर आती है।
निखिल उप्रेती के अनुसार उन्हें ये उपन्यास लिखने की प्रेरणा अगाथा क्रिस्टी के मशहूर उपन्यास एंड देन देयर वर नन और साठ के दशक की मशहूर फिल्म "गुमनाम " से मिली। निखिल ने उपन्यास के हर चैप्टर का नाम भी गुमनाम फिल्म के बहुचर्चित गीत "गुमनाम है कोई" के अंतरे और मुखड़े पर रखा है।
निखिल के अनुसार उन्हें बचपन से ही हॉरर और थ्रिलर किताबें पढऩे का जूनून रहा है और वो कई वर्षों से ऐसी ही कोई कहानी लिखना चाह रहे थे। निखिल के अनुसार एक क्राइम थ्रिलर लिखना बेहद मुश्किल काम है।
क्योंकि लेखक को हर किरदार के साथ न्याय करना पड़ता है और फिर अंत में सभी बिंदुओं को मिला कर एक लॉजिकल अंत तक कहानी को ले जाना होता है जो अपने आप में ही एक बेहद चुनौतीपूर्ण कार्य है।
निखिल उप्रेती उपन्यास के अलावा फिल्मों की स्क्रिप्ट भी लिखते हैं। इनकी एक हॉरर स्क्रिप्ट केअधिकार मुंबई की नामी बुक टू स्क्रीन अडॉप्टेशन कंपनी स्टोरी इंक ने अपने पास सुरक्षित भी रख लिए हैं जिस पर भविष्य में फिल्म या वेब सीरीज बनाई जा सकती है।