यंगवार्ता न्यूज़ - देहरादून 23-11-2020
शहरों में मेहनत मजदूरी करने वाले प्रवासी या मजदूरों को रहने की जगह मुहैया कराने के लिए केंद्र सरकार ने रेंटल हाउसिंग स्कीम शुरू की है। इसके तहत शहरी विकास निदेशालय ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। निदेशालय की वेबसाइट से नोटिफिकेशन देखकर इसके लिए आवेदन किया जा सकता है।
कोरोना संकट का सबसे बुरा असर प्रवासी मजदूरों पर पड़ा है। काम के लिए शहर गए ये मजदूर लॉकडाउन के दौरान भोजन और छत दोनों से वंचित हो गए। ऐसे मजदूरों को आगे कोई मुश्किल ना आए, इसके लिए सरकार ने रेंटल हाउसिंग स्कीम को आगे बढ़ाने का फैसला किया है।
आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत एक उप योजना के रूप में शहरी प्रवासियों और गरीबों के लिए कम किराये वाले आवासीय परिसरों यानी एआरएचसी योजना की शुरुआत की है। इसके तहत केंद्र सरकार की फंडिंग से तैयार किए गए खाली आवासीय परिसरों को कम किराये वाले आवासीय परिसरों में तब्दील किया जाएगा।
इधर, शहरी विकास निदेशालय ने इसका नोटिफिकेशन जारी करते हुए साफ किया है कि 25 साल के लिए यह आवासीय परिसर बनाया जा सकता है। शहरी विकास निदेशालय के अपर निदेशक अशोक कुमार पांडेय ने बताया कि सरकार द्वारा वित्तपोषित खाली पड़े आवासों को सस्ते उत्पादक उपयोग के लिए एआरएचसी में कवर किया जाएगा।
इनका किराया स्थानीय निगम या निकाय तय करेंगी। किराया एक से तीन हजार के बीच हो सकता है। इस योजना से निजी और सरकारी क्षेत्र की कंपनियों को जोड़ने के लिए विकल्प खोला गया है। निजी क्षेत्र में ऐसे हाउसिंग कांप्लेक्स बनाने वालों को सरकार विशेष प्रोत्साहन देगी। इसमें 50 फीसदी फ्लोर एरिया रेशियो या फ्लोर स्पेस इंडेक्स तथा आयकर व जीएसटी की छूट शामिल है।
शहरी क्षेत्रों में प्रवासी मजदूरों के रहने की व्यवस्था के तहत प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ही रेंटल हाउसिंग स्कीम शुरू हुई है। निदेशालय की वेबसाइट पर जारी नोटिफिकेशन से पूरी जानकारी हासिल की जा सकती है।