आउटसोर्स कर्मियों को मिलेगा तोहफा , कैबिनेट सब कमेटी जल्दी सरकार को सौंपेंगी रिपोर्ट : महेंद्र सिंह ठाकुर 

हिमाचल प्रदेश में लंबे समय से स्थाई नीति की मांग कर रहे आउटसोर्स कर्मियों पर सरकार अब जल्द ही निर्णय लेने वाली है। विभिन्न विभागों, निगमों और बोर्डों में सेवारत हजारों आउटसोर्स कर्मचारियों को जल्द ही सरकार की ओर से तोहफा मिल सकता है

आउटसोर्स कर्मियों को मिलेगा तोहफा , कैबिनेट सब कमेटी जल्दी सरकार को सौंपेंगी रिपोर्ट : महेंद्र सिंह ठाकुर 
आउटसोर्स कर्मियों को मिलेगा तोहफा , कैबिनेट सब कमेटी जल्दी सरकार को सौंपेंगी रिपोर्ट : महेंद्र सिंह ठाकुर 


यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  20-04-2022
 

हिमाचल प्रदेश में लंबे समय से स्थाई नीति की मांग कर रहे आउटसोर्स कर्मियों पर सरकार अब जल्द ही निर्णय लेने वाली है। विभिन्न विभागों, निगमों और बोर्डों में सेवारत हजारों आउटसोर्स कर्मचारियों को जल्द ही सरकार की ओर से तोहफा मिल सकता है। चुनावी साल में प्रदेश की भाजपा सरकार करीब 35 हजार आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए जल्द कोई नीति लाने की तैयारी कर रही है। प्रदेश सरकार ने अब इनके लिए नीति निर्माण की कवायद तेज कर दी है। 
 
आउटसोर्स कर्मचारियों को लेकर गठित कैबिनेट सब कमेटी के अध्यक्ष मंत्री महेंद्र सिंह ने कहा कि आज तक जितनी भी सरकारे आयी केवल आउटसोर्स कर्मियों का शोषण ही किया है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इनके बारे में विचार किया है और एक सब कमेटी का निर्माण किया है। सोमवार को ही सब कमेटी की बोर्ड निगमों और विभिन्न विभागाध्यक्षों के साथ बैठक बैठक हुई है और सुझाव भी लिए गए हैं।
 
डाइंग कैडर घोषित किए गए पदों का ब्योरा पांच दिनों के भीतर निर्धारित प्रपत्र पर उपलब्ध करवाने के आदेश जारी किए हैं। ये जानकारी सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, बोर्ड, निगमों, सोसायटी व ट्रस्ट से मांगा गया है ताकि आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए नीति बनाई जा सके। आउटसोर्स कर्मियों को विभिन्न विभागों में न्यूनतम वेतन पर नियुक्ति देने पर भी मंथन हो रहा है। विभिन्न एजेंसियों के माध्यम से इन युवाओं की सेवाएं ली जा रही हैं। प्रदेश सरकार ने आउटसोर्स कर्मियों के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और इन्हें किसी भी प्रकार के शोषण से बचाने के लिए कैबिनेट सब कमेटी का गठन किया है।
 
कर्मचारियों से भी जो सुझाव प्राप्त हुए है उन सब सुझावों के आधार पर मंत्रिपरिषद को रिकमेंडेशन भेजेंगे और जो भी मंत्रिपरिषद निर्णय लेगी वह अंतिम निर्णय होगा। जिससे आउटसोर्स को शोषण से बचाया जा सके।