कीवी की खेती कर मालामाल हो रहे चंपावत के किसान , 300 रूपये प्रति किलो तक मिल रहे दाम

कीवी की खेती कर मालामाल हो रहे चंपावत के किसान , 300 रूपये प्रति किलो तक मिल रहे दाम

यंगवार्ता न्यूज़ - देहरादून 24-09-2020

चंपावत जिले में कीवी का उत्पादन रोजगार का बेहतरीन जरिया बनता जा रहा है। जिले के मध्य ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सेब की जगह कीवी की खेती किसानों के लिए रोजगार का जरिया बन रही है। जलवायु परिवर्तन के कारण इन क्षेत्रों में काश्तकारों ने सेब का उत्पादन छोड़ कीवी की खेती करना शुरू कर दिया है। किसान इससे अच्छी आय भी अर्जित कर रहे हैं।

जिले के गोशनी, पम्तोला, मुड़ियानी, गरसाड़ी, ढरौज सहित कुछ स्थानों में किसान कीवी की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। गोशनी गांव में कीवी की खेती कर रहे नवीन वर्मा बताते हैं कि पहले गोशनी क्षेत्र को सेब पट्टी के रूप में जाना जाता था, लेकिन तापमान बढ़ने से धीरे-धीरे यहां पर सेब का उत्पादन कम होने लगा।

इसे देखते हुए उन्होंने कीवी का उत्पादन करने का मन बनाया। वर्तमान में उनके पास 50 से अधिक कीवी के पौधे हैं, जो अच्छा फल दे रहे हैं। वह बताते हैं कि कीवी का बाजार मूल्य 300 से 350 रुपये प्रति किलो है। पाटी तहसील के पम्तोला निवासी चिंतामणि भट्ट बताते हैं कि जब वह स्वास्थ्य विभाग से रिटायर हुए तो उन्होंने हवालबाग से कीवी के लगभग 60 पौधे लगाए जो चार साल में फल देने लगे।

चिंतामणि बताते हैं कि कीवी मध्य हिमालयी क्षेत्र के 1200 से 2000 मीटर की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अच्छी पैदावार देता है। यह एंटीऑक्सीडेंट के साथ ही हाई ब्लड प्रेशर, डेंगू आदि रोगों के लिए कारगर दवाई का काम करता है।

कीवी एक बेलदार पौध है, जो पूर्व में चायनीज गुज वेरी के नाम से जाना जाता था। मगर 1960 के बाद न्यूजीलैंड ने इसका पेटेंट अपने नाम कर इसे कीवी नाम दे दिया। ठंडी तासीर का फल होने के कारण यह मध्य हिमालयी क्षेत्रों में उत्पादित होता है। जिला उद्यान अधिकारी, चंपावत सतीश शर्मा ने बताया कि जिले में कीवी उत्पादन के लिए अनुकूल जलवायु है।

यहां के काश्तकार निजी स्रोत से सफलतापूर्वक इसकी खेती कर अच्छी आमदनी अर्जित कर रहे हैं। इसे देखते हुए विभाग ने इसे हॉर्टिकल्चर टेक्नोलॉजी मिशन में शामिल किया है। आगामी सालों में क्षेत्रफल विस्तार योजना के तहत किसानों को 30000 रुपये प्रति हेक्टेयर का अनुदान सरकार की ओर से देकर इसे आगे बढ़ाया जाएगा।