किसान की पांचो बेटियां बनीं प्रशासनिक अधिकारी, 5वीं के बाद घर बैठकर की थी पूरी पढ़ाई

किसान की पांचो बेटियां बनीं प्रशासनिक अधिकारी, 5वीं के बाद घर बैठकर की थी पूरी पढ़ाई

न्यूज़ एजेंसी - जयपुर  16-07-2021

सरकार ने भले ही केवल नारा दिया हे की बेटी है अनमोल , लेकिन एक किसान की बेटियों ने ये साबित कर दिखाया की बेटियां वास्तव में ही अनमोल है।  देश की बेटी आज देश विदेश में अपने देश का नाम रोशन कर रही है। लेकिन कई राज्यों में आज भी बेटियों को बोझ समझा जाता है।

राजस्थान एक ऐसा ही राज्य है जहां आज भी बाल विवाह, कन्या भ्रूण हत्या जैसी कुप्रथा सांस ले रही है। राजस्थान में आज भी बेटियों को शिक्षा का अधिकार नहीं है इसलिए आज भी कई जिलों में बेटियों के लिए स्कूल नहीं है। लेकिन फिर भी कुछ लोग ऐसे है जो सीमित साधन होने के बाद भी अपने सपनों को टूटने नहीं देते।
 
ऐसा ही एक सपना देखा था राजस्थान के हनुमानगढ़ में छोटा से गांव भैरूसरी की बेटियों ने। भैरूसरी के किसान सहदेव का परिवार लोगों को प्रेरणा देता  है कि बेटियां बोझ नहीं होती। सहदेव एक नहीं बल्कि 5 बेटियों के पिता है। लेकिन उनकी परवरिश बेटों की तरह की। सहदेव अपनी बेटियों को पढ़ाना चाहते थे लेकिन उनके गांव में 5वीं कक्षा के बाद स्कूल नहीं था।
 
और ना ही पिता के पास इतने पैसे थे कि वो अपनी बेटियों को बड़े स्कूलों में पढ़ा सके। लेकिन इतनी मुश्किलों के बाद भी किसान की बेटियों ने हार नहीं मानी। 5 बहनों ने आपस में एक-दूसरे की मदद की और घर पर रहकर नेट व जेआरएफ तक पढ़ाई पूरी की। उनकी मेहनत रंग लाई।
 
आज सहदेव सहारण की पांच बेटियां सरकारी सेवा में हैं। इनमें एक अभी झुंझुनूं में बीडीओ हैं तो एक सहकारी सेवा में। और अब तीनों बहनों का एक साथ आरएएस में सिलेक्शन हुआ। हाल ही में राजस्थान प्रशासनिक सेवा 2018 का अंतिम परिणाम घोषित हुआ है, जिसमें हनुमानगढ़ निवासी तीन बहनों- अंशु, रीतू और सुमन का आरएएस  में सलेक्शन हो गया है।