पहले बंद संस्थान बहाल करें सरकार , फिर सहयोग की बात करें मुख्यमंत्री : जयराम 

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हम सरकार ख़िलाफ़ नहीं हैं, हम जनता के लिए हैं। हमारा सरकार को पूरा सहयोग है। लेकिन सबसे पहले जनहित के लिए खोले गये संस्थानों को बहाल करिए। फिर हम बात करेंगे। ऐसा नहीं हो सकता है कि आप प्रतिशोध कि भावना के साथ काम करिए और हम से ही सभी सहयोग लेते

पहले बंद संस्थान बहाल करें सरकार , फिर सहयोग की बात करें मुख्यमंत्री : जयराम 
 
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  07-07-2023

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हम सरकार ख़िलाफ़ नहीं हैं, हम जनता के लिए हैं। हमारा सरकार को पूरा सहयोग है। लेकिन सबसे पहले जनहित के लिए खोले गये संस्थानों को बहाल करिए। फिर हम बात करेंगे। ऐसा नहीं हो सकता है कि आप प्रतिशोध कि भावना के साथ काम करिए और हम से ही सभी सहयोग लेते रहिए। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि यदि सरकार सभी बंद किए संस्थानों को फिर से नोटिफाई नहीं करेगी तो प्रदेश के लोग ही सुक्खू की सरकार को डिनोटिफ़ाई कर देंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार आते ही हम सारे डिनोटिफ़ाई संस्थानों को नोटिफाई करेंगे। 
 
 
उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोगों के सामने कांग्रेस बेनक़ाब हो गई है और सभी नेताओं का भांडा फूट चुका है। हिमाचल के लोग आने वाले चुनाव में ही कांग्रेस को बता देंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने हिमाचल के लिए कोई कमी नहीं छोड़ी है। 830 करोड़ का ऋण पचास साल के लिए बिना किसी ब्याज के दे रहे हैं। तीन हज़ार करोड़ से प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तीसरे चरण की शुरुआत की चम्बा से की। 41 हज़ार करोड़ के नेशनल हाईवे के प्रोजेक्ट चल रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मुझे ऐसे लोगों को फ़ोन आते हैं , जो सालों से बिस्तर पर पड़े हैं। ऐसे लोगों की सहारा योजना का पैसा नहीं मिल रहा है। 
 
 
सब मुझसे कहते हैं कि आप मुख्यमंत्री से कहिए पैसा नहीं आ रहा है। उन्होंने कहा कि मैं मुख्यमंत्री से कहना चाहता हूँ, मानवीय संवेदना के आधार पर काम करिए, आप बाक़ी योजनाएं चलाइए, लेकिन ऐसे लोगों के साथ न्याय करें और सहारा योजना के लाभार्थियों का पैसा न रोके। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हिमाचल में पहली बार इस तरह  झूठ बोलकर सरकार बनाई गई है। आज तक हिमाचल में ऐसा नहीं हुआ है। आज कांग्रेस सरकार की गारंटियों का मज़ाक़ बन गया है। 
 
 
प्रदेश के लोग कांग्रेस के लोगों की राह देख रहे हैं। पाँच लाख सरकारी नौकरी देने वाले दस हज़ार आउटसोर्स कर्मियों को बाहर कर दिया। कोविड फ्रंट लाइन वर्कर्स को नौकरी से निकालने से  ज़्यादा दुर्भाग्यपूर्ण कुछ नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा लोगों की सेवा के लिए गारंटी नहीं नीयत की आवश्यकता है। हमने बिजली फ्री देने की, गानों में पानी फ्री देने की, सहारा योजना की, गृहणी योजना की गारंटी नहीं दी थी। लेकिन प्रदेश के लोगों को सुविधा देने  के लिए हमने यह किया है।