मानव भारती विश्वविद्यालय की 36 हजार डिग्रियां संदेह के घेरे में , अब निजी शिक्षण 

मानव भारती विश्वविद्यालय की 36 हजार डिग्रियां संदेह के घेरे में , अब निजी शिक्षण 

संस्थान विनियामक आयोग करेगा जांच 

यंगवार्ता न्यूज़ - सोलन  11-04-2021
 
हिमाचल के सोलन जिला के सुलूतानपुर में स्थित मानव भारती विश्वविद्यालय की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। मानव भारती विश्वविद्यालय की डिग्रियों की जाँच पड़ताल अभी तक पुलिस , प्रवर्तन निदेशालय के अलावा एसआईटी द्वारा की जा रही है , लेकिन अब मानव भारती विश्वविद्यालय की फर्जी डिग्रियों की जाँच  निजी शिक्षण संस्थान विनियिमक आयोग करेगा।

फर्जी डिग्रियों के चलते यह आदेश जारी किए है इससे करीब 36 हजार डिग्रियां संदेह के दायरे में है।  यही नहीं अब  नियमित पढाई करने वाले विद्यार्थियों का भविष्य भी संकट में है। 

फर्जी डिग्री के फेर में फंसी मानव भारती विश्वविद्यालय की डिग्रियों को अब निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग भी जांचेगा। सभी डिग्रियों की जांच कर पात्र विद्यार्थियों को राहत देने के लिए आयोग ने यह फैसला लिया है।

विश्वविद्यालय से नियमित पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए राज्यपाल के आदेशों पर आयोग ने यह पहल की है। डिग्रियों की जांच करने के लिए आयोग उच्च स्तरीय कमेटी गठित करेगा। दरअसल फर्जी डिग्रियों की जांच के चलते कई विद्यार्थियों का भविष्य अधर में है

बताते है कि मानव भारती विश्वविद्यालय की करीब 36 हजार डिग्रियां संदेह के घेरे में हैं। मात्र पांच हजार डिग्रियों को ही सही बताया जा रहा है। इन डिग्रियों की जांच के लिए निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग ने कमेटी गठित करने का फैसला लिया है।

जांच कमेटी में शिक्षा विभाग सहित अन्य अधिकारियों को शामिल किया जाएगा। डिग्रियों के सही पाए जाने पर विद्यार्थियों को नौकरी प्राप्त करने में आसानी हो जाएगी। फर्जी डिग्री जांच के चलते अभी विवि से नियमित और सही तरीके से पढ़ाई करने वाले विद्यार्थी भी संदेह के घेरे में आ गए हैं।

गौर हो कि बीते दिनों राज्यपाल ने भी सचिवों के साथ हुई बैठक में मानव भारती विवि से पढ़ाई करने वाले सभी विद्यार्थियों के भविष्य को सुरक्षित करने के आदेश दिए थे। इसके अलावा विश्वविद्यालय के कई विद्यार्थी भी राज्यपाल से मिले थे।

आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल सेवानिवृत्त अतुल कौशिक ने बताया कि डिग्रियों की जांच करने के लिए जल्द ही उच्च स्तरीय कमेटी गठित की जाएगी। पात्र विद्यार्थियों के साथ नाइंसाफी न हो, इसके लिए डिग्रियों की जांच करने का फैसला लिया गया है।