सीमेंट की कीमतों के बाद सरिया के दामों में हुई भारी बढ़ोतरी, 15 हजार प्रति टन तक बढ़ी कीमत
यंगवार्ता न्यूज़ - सोलन 17-04-2021
हिमाचल में सीमेंट की कीमतों में आई तेजी के बाद अब सरिए की कीमतें आसमान छूने लगी हैं। विभिन्न ब्रांड का अलग-अलग माप का सरिया रिटेल में रिकार्ड 58 से 61 हजार रुपए प्रति टन के करीब पहुंच गया है।
सरिया की कीमतों में यह अब तक की सबसे बड़ी बढ़ोतरी है। बीते तीन माह में ही सरिया 10 से 15 हजार रुपए प्रति टन महंगा हुआ है।
पांच हजार रुपए प्रति टन की वृद्धि, तो बीते दस दिनों में दर्ज की गई है, जिसकी बदौलत सरिया प्रति टन 60 हजार का बिक रहा है।
दरअसल कच्चे माल की कीमतों में आए उछाल, घरेलू बाजार में कच्चे माल की घटती आवक और बाजार में लगातार बढ़ती मांग की वजह से सरिए की कीमतों में तेजी आईर् है।
इन दिनों सरिए का बाजार भाव 60,000 रुपए प्रति टन तक पहुंच चुका है। हाल यह है कि बीते तीन माह के दौरान 10 हजार से 15000 रुपए प्रति टन की तेजी बाजार में दर्ज की गई है।
फरवरी माह में जिस सरिए का भाव 48,000 रुपए टन था, अब वह 60 हजार प्रति टन पर बिक रहा है। मकान निर्माण व अन्य कार्यों में उपयोग में आने वाला सरिए की कीमत में पिछले तीन माह 1200 से डेढ़ हजार रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि हुई है।
शुक्रवार को अलग-अलग माप का सरिया रिटेल में 58 हजार से 61 हजार रुपए प्रति टन (18 प्रतिशत जीएसटी सहित) पहुंच गया।
करीब तीन माह पहले आठ एमएम का सरिया 46 हजार रुपए प्रति टन था, वहीं अब लगभग 61000 रुपए प्रति टन बिक रहा है।
10 एमएम का सरिया 47 हजार रुपए प्रति टन से बढ़कर बीते कुछ महीनों में करीब 60 हजार रुपए प्रति टन पहुंच गया है, जबकि 12 एमएम का सरिया भी करीब 45 हजार रुपए प्रति टन से बढ़कर 58 हजार रुपए प्रति टन के रेट पर बिक रहा है।
इस क्षेत्र से जुड़े कारोबारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में सरिए की कीमतों में और तेजी के संकेत बने हुए हैं। गौरतलब है कि हिमाचल में 30 के करीब स्टील उद्योग हैं, जो कि अलग-अलग ब्रांड का सरिया बनाते हैं। लोहे और अन्य धातुओं की कीमतों में उछाल से कारोबारी भी खासी चिंता में आ गए हैं।
सरिया पहले दाम अब (प्रतिटन)
8 एमएम 46 हजार 61 हजार
10 एमएम 47 हजार 60 हजार
12 एमएम 45 हजार 58 हजार
हिमाचल प्रदेश स्टील इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के महासचिव राजीव सिंगला ने कहा कि कच्चे माल की कीमतें बढ़ने, आवक घटने से स्टील कंपनियों पर कीमतें बढ़ाने का दबाव है।
बीते तीन माह में कच्चे माल के दाम में खासा उछाल आया है। इसके अलावा एजीटी की मार का असर भीसरिया की कीमतों पर नजर आ रहा है। लोग प्रदेश के साथ केंद्र सरकार से कच्चे माल की कीमतों पर अंकुश लगाने की मांग कर रहे हैं।