हिमाचल में एक फरवरी से खुलेंगे स्कूल-कॉलेज, कैबिनेट बैठक में हुआ फैसला 

हिमाचल में एक फरवरी से खुलेंगे स्कूल-कॉलेज, कैबिनेट बैठक में हुआ फैसला 

आठवीं से 12वीं के विद्यार्थियों की लगेंगी नियमित कक्षाएं

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में शुक्रवार को आयोजित हुई हिमाचल प्रदेश कैबिनेट की बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं। कैबिनेट ने फैसला लिया है कि हिमाचल में पहली फरवरी से ग्रीष्मकालीन स्कूल खुलेंगे। 

आठवीं से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों की नियमित कक्षाएं आयोजित की जाएंगी। वहीं, शीतकालीन अवकाश वाले स्कूलों में 12 फरवरी तक अवकाश रहेगा।अवकाश के बाद 15 फरवरी से इन जिलों में भी आठवीं से 12वीं के विद्यार्थियों की नियमित कक्षाएं शुरू होंगी। 

ग्रीष्मकालीन स्कूलों में पहली फरवरी से पांचवी कक्षा की भी नियमित कक्षाएं शुरू होंगी। हर घर पाठशाला के तहत शिक्षा के लिए ऑनलाइन प्रणाली जारी रहेगी। इसी तरह की प्रणाली राज्य में निजी स्कूलों की ओर से भी अपनाई जा सकती है।

एक फरवरी से हिमाचल में आईटीआई, पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग कॉलेज भी खुल जाएंगे। आठ फरवरी से सभी डिग्री कॉलेजों में नियमित कक्षाएं शुरू होंगी। 

ग्रीष्मकालीन जिलों के स्कूलों में 27 जनवरी से शिक्षकों को नियमित तौर पर स्कूल आना होगा। सर्दियों की छुट्टियों के बाद शिक्षण संस्थानों में कोरोना को लेकर जारी एसओपी का सख्ती से पालन किया जाएगा। 

कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने आईजीएमसी शिमला, नालागढ़, टांडा मेडिकल कॉलेज और नेरचौक में मेक शिफ्ट अस्पतालों का निर्माण किया है।

कोरोना के सक्रिय मामलों में कमी के कारण कैबिनेट ने इन मेक शिफ्ट अस्पतालों का उपयोग सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है।

आईजीएमसी में मेक शिफ्ट अस्पताल को इंटेंसिव केयर यूनिट के रूप में उपयोग किया जाएगा, टांडा में संक्रामक रोग वार्ड, सीएच नालागढ़ में ट्रामा केयर सेंटर और नेरचौक में सुपर स्पेशलिटी वार्ड के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा। 

कैबिनेट ने जोनल अस्पताल धर्मशाला और डीडीयू अस्पताल शिमला को गैर-कोविड अस्पताल के रूप में अधिसूचित करने का निर्णय लिया। कैबिनेट ने बिलासपुर के झंडूता और कांगड़ा जिले के जयसिंहपुर में नए सिविल न्यायालयों के लिए विभिन्न श्रेणियों के छह पदों को बनाने और भरने के लिए अपनी सहमति प्रदान की। 

मार्च 2021 तक के लक्ष्यों के अलावा वर्ष 2021 और 2022 के लक्ष्यों पर मंत्रिमंडल के समक्ष वन विभाग की ओर से प्रस्तुति दी गई।

कैबिनेट ने यह सुझाव दिया गया कि ज्यादा पौधरोपण के बजाय लगाए गए पौधों उत्तरजीविता पर ध्यान देने की जरूरत है। वहीं, राजस्व विभाग की ओर से पीएम किसान सम्मान निधि योजना को लेकर कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुति दी गई।