यंगवार्ता न्यूज़ - हरिद्वार 22-02-2021
प्राचीन पौराणिक तीर्थ स्थल हरिद्वार की दुर्दशा पर स्थानीय नागरिकों और जनप्रतिनिधियों के सब्र का बांध टूट पड़ा। सोमवार को प्रान्तीय उद्योग व्यापार मंडल के जिला महामंत्री संजय त्रिवाल ने उत्तराखंड सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता डीके सिंह को फोन किया तो उन्होंने कहा कि वह शासन में है और उत्तराखंड शासन द्वारा जो 18 लाख 33 हजार रुपए इसमें गंगाजल लाने और टनल की सफाई के लिए सिंचाई विभाग को कुंभ मेला निधि से दिलाए गए थे।
उत्तराखंड मानव अधिकार आयोग के आदेश पर उस में सफाई के कार्य करवा दिया हैं। जब नागरिकों और जनप्रतिनिधियों ने उन्हें बताया कि कुंड में अभी दूषित जल सड़ रहा है और काफी बदबू आ रही है तो उन्होंने स्थल निरीक्षण की बात कही।
इस पर जिला महामंत्री प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल संजय त्रिवाल द्वारा पुनः अवर अभियंता सिंचाई विभाग राजेश सैनी को इस प्रोजेक्ट की निगरानी कर रहे हैं को स्थल पर बुलवाया तो उन्होंने भी स्थल पर आकर कार्य समाप्त होने की बात कही।
इस पर स्थान ने पार्षद कैलाश भट्ट समाजसेवी जेपी बडोनी पर्यावरणविद रविंद्र मिश्रा , भीमगोडा मंदिर के मुख्य स्वामी मुरलीधर नौटियाल , शुभम नौटियाल , अश्वनी गॉड , पार्षद लखन लाल चौहान एवं नरेन्द्र श्रमिक काकू आदि का गुस्सा फूट पड़ा। अवर अभियंता किसी की भी बात मानने को तैयार नहीं हुए उन्होंने कहा हमारा कार्य समाप्त हो गया है। इस पर नागरिकों ने उन पर सारा पैसा डकार जाने की बात कही और उन्हें गंगा जी पर खुले चेंबर में सीवर जल को जाते हुए दिखाया।
अवर अभियंता राजीव सैनी सिंचाई विभाग का कहना है कि यह कार्य नगर निगम हरिद्वार का है , क्योंकि गंदा नाला उन्हीं का है और इसके लिए जल संस्थान गंगा भी दोषी है। नागरिकों एवं जन प्रतिनिधियों की तीखी नोक झोंक के बाद अवर अभियंता ने कहा कि वह वर्तमान स्थिति से अपने उच्च अधिकारियों को अवगत करवाएंगे। उसके बाद ही शेष बचे कार्य को करवाया जाएगा।
वहीं दूसरी ओर स्थानीय नागरिकों जनप्रतिनिधियों एवं प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल के जिला महामंत्री संजय त्रिवाल ने मेला अधिकारी दीपक रावत से मांग की इन अधिकारियों सहित ठेकेदार की जांच कर पेमेंट रोकी जाए। जब तक शु्द्ध गंगाजल जिसका आचमन एवं शिव अभिषेक श्रद्धालुओं का स्थान ना हो इसका भुगतान बिल्कुल भी नहीं किया जाए।