उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण आपदा में शामिल, मृत्यु होने पर परिजनों को मिलेगा मुआवजा

उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण आपदा में शामिल, मृत्यु होने पर परिजनों को मिलेगा मुआवजा

यंगवार्ता न्यूज़ - देहरादून 15-March-2020

उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण को महामारी घोषित होने के साथ ही अब अस्थाई रूप से आपदा में शामिल कर लिया गया है। कोरोना से प्रभावित व्यक्ति के उपचार का खर्च भी राज्य सरकार उठाएगी और मृत्यु होने पर पीड़ित परिवार को मुआवजा भी दिया जाएगा।

प्रदेश में अब अगले तीस दिन के लिए कोरोना संक्रमण के लिए मेडिकल कैंप लगाने, उपकरणों की व्यवस्था करने, पीड़ितों को अलग कैंप बनाकर रखने की व्यवस्था राज्य आपदा प्रबंधन फंड से की जाएगी।

इन सब मामलों में राज्य आपदा प्रबंधन कमेटी फैसला करेगी। इसके साथ ही टेस्टिंग लैब स्थापित करने और महामारी को रोकने के लिए सर्वे आदि की व्यवस्था भी एसडीआरएफ के तहत की जाएगी।

आपदा प्रबंधन सचिव अमित नेगी के मुताबिक केंद्र सरकार की ओर से नई गाइडलाइन जारी कर दी गई है। संक्रमण से फैलने को रोकने के लिए प्रदेश के आपदा प्रबंधन तंत्र को भी सक्रिय कर दिया गया है।

सभी को सर्जिकल मास्क , सूट आदि की व्यवस्था करने को कहा गया है। आपदा प्रबंधन तंत्र से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियों पर भी रोक लगा दी गई है।

कोरोना संक्रमण को आपदा में अस्थाई रूप से शामिल कर लिया गया है। कोरोना संक्रमण के आपदा में शामिल होने से अब पीड़ितों के उपचार पर आए खर्च का भुगतान राज्य सरकार करेगी।

पीड़ित की मृत्यु होने पर आपदा के तहत निर्धारित मानकों के तहत मुआवजा दिया जाएगा। स्वास्थ्य सचिव को असीमित अधिकारीमहामारी अधिनियम लागू होने के बाद सचिव स्वास्थ्य को असीमित अधिकार होंगे।

सचिव स्वास्थ्य अपनी शक्तियां जिलों में जिलाधिकारी और सीएमओ (मुख्य चिकित्सा अधिकारी) को प्रदान कर सकते हैं।

- धारा 144 के तहत कहीं भी भीड़ एकत्रित करने पर रोक।

- उल्लंघन करने पर धारा 188 के तहत सजा और जुर्माना।

- शिक्षण संस्थान बंद करना या खोलना।

- अनुमति के बिना सार्वजनिक सभा से लेकर कोई भी समारोह नहीं होगा।


- किसी भी संदिग्ध के जांच से मना करने पर जबरन जांच होगी।

- मेडिकल कार्यों के लिए निजी या सार्वजनिक संपत्ति ली जा सकेगी कब्जे में।

- किसी भी वाहन को बतौर टैक्सी या एंबुलेंस इस्तेमाल किया जा सकेगा।

- निजी या सार्वजनिक स्थलों, वाहनों और संपत्तियों को सेनिटाइज करना।

अनुबंध पर सैंकड़ों डाक्टर-नर्सें होंगी नियुक्तसरकार ने निर्णय लिया है कि प्रदेश में डाक्टरों के रिक्त साढ़े पांच सौ पदों पर वॉक इन इंटरव्यू के माध्यम से नियुक्ति की जाएगी।

सरकारी मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरों के मौजूदा पदों के 50 प्रतिशत पद और भरे जाएंगे। नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टॉफ के खाली पदों पर 11 माह के अनुबंध पर नियुक्तियां की जाएंगी।

स्वास्थ्य विभाग को पचास करोड़ जारी

सरकार ने कोरोना की रोकथाम के लिए 50 करोड़ रुपये तुरंत महानिदेशक स्वास्थ्य को जारी कर दिए हैं। आइसोलेशन आईसीयू बनाए जाएंगे। सौ बिस्तर के प्री फेब्रिकेटिड अस्पताल बनाने की अनुमति दे दी है।

यह अस्पताल जरूरत पड़ने पर कहीं भी बनाया जा सकेगा। चिकित्सा उपकरणों में 125 वेंटिलेटर सहित औषधि आदि की खरीद बिना टेंडर (लेकिन राज्य या केंद्र सरकार की तय दरों अथवा जेम से) हो सकेगी।

रोकथाम को आपदा मद से मिलेगा पैसा

महामारी घोषित होने से कोरोना को आपदा का दर्जा मिला गया है। इसके तहत अब आपदा के मद से महामारी की रोकथाम के लिए पैसा खर्च किया जा सकेगा। इसके तहत राज्य सरकार को केंद्र से भी मदद मिल सकती है। जिलाधिकारी बिना शासन की अनुमति के रोकथाम और उपचार के लिए पैसा खर्च कर सकते हैं।

पीड़ित ही लगाए मास्क

अगर कोरोनो वायरस के लक्षण दिखाई देते हैं, तो ही मास्क का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। सरकार ने हेल्थ एडवाइजरी जारी की है। वायरस से संक्रमित या संदिग्ध ही मास्क का इस्तेमाल करें। शेष को मास्क लगाने की जरूरत नहीं है। इसके अलावा इलाज में जुटने वाले डॉक्टर और अन्य मेडिकल स्टाफ के लिए ही मास्क लगाना जरूरी है।