जंगली मशरूम खाने से एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत, उपचार के दौरान सभी ने तोड़ा दम 

जंगली मशरूम खाने से एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत, उपचार के दौरान सभी ने तोड़ा दम 

यंगवार्ता न्यूज़ - देहरादून   21-08-2021

जंगली मशरूम खाने से बीमार चल रहे शुक्री गांव के एक ही परिवार के तीन लोगों ने एम्स ऋषिकेश में दम तोड़ दिया। दादा, दादी और पोती की मौत से शुक्री गांव में मातम पसरा हुआ है। प्रतापनगर क्षेत्र में जंगली मशरूम खाने से मौत की यह दूसरी घटना है। इससे पहले खोलगढ़ गांव में पिता और पुत्री की मौत हो गई थी। 

ओण पट्टी के शुक्री गांव निवासी सुंदरलाल सेमवाल (62) उनकी पत्नी विमला देवी (60) और पोती सलोनी उर्फ किरन (11) ने 14 अगस्त रात को जंगली मशरूम की सब्जी खाई थी। सलोनी की मां ममता ने किसी वजह से यह सब्जी नहीं खाई थी। रात को ही तीनों लोगों की तबीयत बिगड़ने लगी। 15 अगस्त की सुबह को उन्होंने एक निजी डॉक्टर से दवा ली, लेकिन हालात में सुधार नहीं हुआ। 

इस पर गांव के लोगों ने तीनों को 16 अगस्त को एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया। ग्राम प्रधान सोदन कुडि ने बताया कि सलोनी ने 19 अगस्त की रात और उसके दादा सुंदर लाल सेमवाल तथा दादी विमला देवी ने शुक्रवार रात इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। सुंदर लाल सेमवाल का बेटा सुरेश पंजाब में एक होटल में नौकरी करता है। 

वह शुक्रवार रात ऋषिकेश पहुंच गया था। शनिवार को तीनों का ऋषिकेश स्थित पूर्णानंद घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। इससे पहले सात अगस्त को जंगली मशरूम की सब्जी खाने से खोलगढ़ निवासी टैक्सी चालक चमन सिंह (47)  और उनकी बेटी आशा (13) की उपचार के दौरान मौत हो गई थी। 

प्रतापनगर विधायक विजय पंवार, पूर्व विधायक विक्रम सिंह नेगी, ब्लॉक प्रमुख प्रदीप चंद रमोला, नगर पंचायत अध्यक्ष भरोसी देवी, प्रधान चन्द्रशेखर पैन्यूली, व्यापार मंडल अध्यक्ष युद्धवीर सिंह राणा, भाजपा जिला महामंत्री भान सिंह नेगी, बीडीसी सदस्य धीरेंद्र महर, पुरुषोत्तम पंवार ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। 

11 साल की मासूम सलोनी दो भाइयों की इकलौती बहन थी। दोनों भाई और अन्य सभी सलोनी को बहुत प्यार करते थे। तीनों को रक्षाबंधन के त्यौहार का बेसब्री से इंतजार था। लेकिन, भाइयों की कलाई पर प्यार की डोर बांधने से पहले ही सलोनी यह दुनिया छोड़कर चली गई। 

सलोनी को पेंटिंग का बेहद शौक था। सलोनी की मौत का सदमा दादा और दादी भी नहीं झेल पाए। सलोनी की मौत के कुछ घंटों बाद उन्होंने भी दम तोड़ दिया। तीनों की मौत से सलोनी के पिता सुरेश सेमवाल, मां ममता सेमवाल बड़े भाई  रजत (20) और छोटा भाई अमन (13) का रो-रोकर बुरा हाल है। 

रजत इन दिनों देहरादून कॉलेज में प्रवेश लेने गया था। जबकि अमन चाचा-चाची के साथ पंजाब गया हुआ था। सलोनी पहले ऋषिकेश में पढ़ती थी और इसी वर्ष उसका दाखिला केंद्रीय विद्यालय सोड खांड भदूरा में कक्षा पांच में हुआ था। सलोनी के पिता सुरेश चंद्र सेमवाल पंजाब में नौकरी करते हैं और दादा सुंदर लाल सेमवाल गांव की पेयजल लाइन के लाइनमैन का काम करते थे।

जिला अस्पताल बौराड़ी के फिजिशियन/ सीएमएस डा.अमित राय ने बताया कि बारिश के मौसम में जंगलों में उगने वाली मशरूम की कई प्रजातियां जहरीली होती हैं। इन्हें खाने से फूड पाइजनिंग होती है। जंगली मशरूम में अमीनो टोक्सिन मौजूद होते हैं। यह यकृत और किडनी को नुकसान पहुंचाते हैं।