फूलों की खेती से किसानों में बारे न्यारे , नकदी फसल का विकल्प बना बबूना फूल 25 हजार क्विंटल तक मिल रहे दाम

गिरिपार क्षेत्र की अदरक व लहसुन जैसी प्रमुख नकदी फसलों के बीमारी की चपेट में आने से अधिकतर किसानों का इन फसलों से मोह भंग हो गया है। दो दशक पहले तक सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र के अदरक की देश ही नहीं विदेश में भी धूम

फूलों की खेती से किसानों में बारे न्यारे , नकदी फसल का विकल्प बना बबूना फूल 25 हजार क्विंटल तक मिल रहे दाम
 
यंगवार्ता न्यूज़ - हरिपुरधार  22-05-2023

गिरिपार क्षेत्र की अदरक व लहसुन जैसी प्रमुख नकदी फसलों के बीमारी की चपेट में आने से अधिकतर किसानों का इन फसलों से मोह भंग हो गया है। दो दशक पहले तक सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र के अदरक की देश ही नहीं विदेश में भी धूम थी। इस फसल के बीमारी की चपेट में आने से किसानों को इस फसल से भारी आर्थिक नुकसान हो रहा था। किसानों में नुकसान से बचने के लिए लहसुन, टमाटर व मटर आदि फसलों को उगाना शुरू किया। 
 
 
क्षेत्र में इन फसलों का अच्छा उत्पादन होने लगा था जिससे किसानों की आर्थिकी में भी भारी सुधार होने लगा। पिछले तीन-चार वर्षों से कई इलाकों में लहसुन की फसल भी बीमारी की चपेट में आने से इस फसल से भी किसानों का मोहभंग होने लगा है। इसके विकल्प के रूप में क्षेत्र के अधिकतर किसानों ने फूलों की खेती पर अपना ध्यान केंद्रित कर दिया है। शुरू में किसान ने पॉलीहाउस के माध्यम से फूलों की खेती शुरू कर दी थी, मगर अब किसान इस फसल को सीधी खुले खेतों में करने लगे हैं। यूं तो क्षेत्र के किसान बबूना , गेंदा , गुलाब व गलेडियोस समेत विभिन्न प्रजातियों के फूलों की खेती कर रहे हैं, मगर क्षेत्र में अधिकतर किसान बबूना की खेती को तवज्जो दे रहे हैं। 
 
 
खास बात यह है कि दिल्ली पहुंचते ही माल साथ के साथ ही बिक जाता है और किसानों को पेमेंट का भुगतान भी साथ के साथ ही ऑनलाइन किया जा रहा है। किसानों को अपने उत्पाद के अच्छे दाम मिल रहे हैं जिससे किसान मालामाल हो रहे हैं। उधर उद्यान विभाग के जिला उपनिदेशक सतीश कुमार शर्मा ने बताया कि सिरमौर जिले के पहाड़ी क्षेत्रों में फूलों की खेती के प्रति किसानों का रुझान काफी बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि 25 फीसदी किसान पॉलीहाउस के माध्यम से फूलों की खेती कर रहे हैं, जबकि करीब 50 फीसदी किसान सीधे खुले खेतों में फूलों की खेती कर रहे हैं। शर्मा ने बताया कि अदरक-लहसुन की फसलों के बीमारी की चपेट में आने के बाद फूलों की खेती के प्रति किसानों का रुझान तेजी से बढ़ रहा है। इस फसल को उगाने से किसानों को काफी फायदा हो रहा है।
 
 
 किसानों को फसल के दाम भी अच्छे मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैदानी इलाकों के मुकाबले पहाड़ों में फूलों की अच्छी पैदावार हो रही है। किसान अपनी एक से तीन बीघा जमीन पर फूलों की खेती कर रहे हैं। इन दिनों फूलों की खेती का सीजन चरम पर है। किसानों का बबूना फूल 10 हजार से 25 हजार रुपए क्विंटल घर बैठे ही बिक रहा है। क्षेत्र में तैयार होने उत्पाद की राजधानी दिल्ली में काफी डिमांड है। किसानों के खेतों से ही माल सीधा दिल्ली के गाजीपुर पहुंच रहा है। माल लेने के लिढ आढ़ती दिल्ली से ही गाडिय़ों को सीधे किसानों के गांव तक भेज रहे हैं।